रायपुर । बजट सत्र के दूसरे दिन धान पर विधानसभा में घमासान मचा रहा । विधानसभा ( Legislative Assembly) में काले कपड़े पहन (MLA in black clothes) कर पहुंचे विपक्षी दल के विधायकों ने धान खरीदी को लेकर जमकर हंगामा (commotion) किया। ये लोग सरकार से मांग कर रहे थेे कि प्रदेश में अभी तक 1 लाख 34 हजार किसान अपना धान नहीं बेंच पाए हैं। सरकार उनका धान खरीदे।
लाना चाहते थे स्थगन प्रस्ताव :
इसके अलावा धान खरीदी (Paddy purchase) पर स्थगन प्रस्ताव लाना चाहते थे। सरकार की ओर से सकारात्मक उत्तर नहीं आने से विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके बाद वे लोग गर्भगृह में उतर गए जहां जाते ही वे स्वयमेव निलंबित हो गए। इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने महात्मा गांधी की मूर्ति के पास जाकर धरना दिया। आरोप तो ये भी है कि कांग्रेस विधायक शिव डहरिया ने दलाल कहा है। इसको सुनते ही पूरा विपक्ष लाल हो गया। विपक्षी विधायकों ने कहा माफी मांगें नहीं तो करेंगे पूरे सत्र तक बहिष्कार।
महात्मा गांधी की मूर्ति के पास काले कपड़ों में विधायक:
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र (Budget session) के दौरान हंगामा करने वाले विपक्षी विधायकों ने काले रंग का कपड़ा पहन रखा था। उधर महात्मा गांधी की मूर्ति भी काले पत्थर से बनी हुई है। ऐसे में जब ये लोग धरने पर वहां बैठे थे तो वहां काला का बोलबाला कुछ ज्यादा ही दिखाई दिया।
किसान मांग रहे इच्छामृत्यु:
पदेश के पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के किसान इच्छामृत्यु मांग रहे हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकती है। सरकार में आने से पहले उनसे क्या वादा किया गया था।
हमने किसानों को नहीं कहा दलाल: शिव डहरिया
कांग्रेस विधायक शिव डहरिया ने कहा कि उन्होंने किसानों को दलाल नहीं कहा है। उनका इशारा तो सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ताओं पर था। जो किसानों के धरने में शामिल हो जाते हैं।
माफी मंगवाने पर अड़ा विपक्ष:
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि विधायक ने अपने संबोधन में दलाल शब्द का इस्तेमाल किया है। यह असंसदीय शब्द है। इसके लिए वे सदन से माफी मांगें। अगर वे ऐसा नहीं करते तो पूरे स़त्र के लिए इनका बहिष्कार किया जाएगा।
किसानों को कोचिया कह रही सरकार: धर्मजीत सिंह
जेसीसी विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश के किसानों को सरकार कोचिया कह रही है। उनके धान की जब्ती बनाई जा रही है। किसान सड़कों पर लेटने को मजबूर हो रहे हैं। इसके बाद पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर हंगामा शुरू हो गया। भाजपा, जेसीसी, बसपा के विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। पक्ष-विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर ने स्थगन की सूचना पढ़ी। उधर अमरजीत भगत ने कहा कि विपक्ष असल में बेहद कमजोर है। इसी लिए बार बार स्थगन प्रस्ताव लाते हैं और खुद ही चर्चा से भाग रहे हैं।