स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार हो चुका अब होगा कोरोना का टीकाकरण, परन्तु उपयोग करने के तरीके में संशय है।
कोरोना टीकाकरण के लिए वैक्सीन के सुरक्षित भंडारण के लिए तैयारी कर ली गई है। स्वास्थ कर्मियों की सूची भी बन गई है। इसका उपयोग कैसे होगा, इस संबंध में दिशा-निर्देश वैक्सीन के साथ ही आएंगे।
रायपुर. प्रदेश में अब तक 2.35 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना से निपटने के लिए पहले चरण में टीकाकरण के लिए करीब दो लाख स्वास्थ्य कर्मियों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। कोरोना से बचाव के लिए इसका उपयोग कैसे होगा और एक व्यक्ति को कब और कितने डोज लगाए जाएंगे, इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है। वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए कोल्डचेन पाइंट तो तैयार है, मगर वैक्सीन कब तक मिलेगी, यह भी स्पष्ट नहीं है।
प्रदेश में पिछले आठ माह से कोरोना की दहशत कायम है और इससे बचाव के लिए वैक्सीन का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है। पहले जनवरी-फरवरी में यह टीका प्रदेश को मिलने की संभावना थी, जो अब बढ़कर मार्च-अप्रैल तक पहुंच गया है। इस वैक्सीन के उपयोग के लिए काफी समय पहले केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के आधार पर प्रदेश में काम शुरू कर दिया गया था। सबसे पहले वैक्सीन का उपयोग कोरोना फ्रंटलाइन वॉरियर माने जाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए किया जाएगा। इसके लिए शासकीय के साथ निजी स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार की गई, जिनकी संख्या दो लाख है। वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश में 630 कोल्डचेन पाइंट हैं, जहां वर्तमान में विभिन्न टीकाकरण को संचालित करने के लिए वैक्सीन सुरक्षित रखी जाती हैं। केंद्र सरकार द्वारा यहां 80 केंद्र और बनाने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके लिए अब तक किसी तरह के उपकरण प्रदेश को नहीं मिल पाए हैं। स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी दिक्कत मिलने वाली वैक्सीन की संख्या और उसके उपयोग के तरीके को लेकर है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किसी व्यक्ति को वैक्सीन के कितने डोज और किस प्रक्रिया के तहत लगाए जाएंगे। माना जा रहा है कि इस संबंध में गाइडलाइन वैक्सीन के साथ ही प्रदेश पहुंचेगी।
तमाम मेडिकल काॅलेज, सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल, प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सभी तरह छोटे से लेकर बड़े क्लीनिक, डिस्पेंसरी, ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्र, आयुष हास्पिटल और डिस्पेंसरी, नगर-निगम, नगरपालिका, तमाम निकायों में संचालित होने वाले अस्पताल, मितनिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसमें शामिल किया गया है।
किसी भी तरह की वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए आईआईआर तथा डीप फ्रीजर का उपयोग किया जाता है। आईआईआर में 2 से 8 डिग्री तक के तापमान में एक माह तक वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकता है। वहीं डीप फ्रीजर में माइनस 15 से 28 डिग्री के तापमान में लंबे समय तक वैक्सीन को सुरक्षित तरीके से रखा जाता है। कोविड की वैक्सीन का नेचर कैसा होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
कोरोना टीकाकरण के लिए वैक्सीन के सुरक्षित भंडारण के लिए तैयारी कर ली गई है। स्वास्थ कर्मियों की सूची भी बन गई है। इसका उपयोग कैसे होगा, इस संबंध में दिशा-निर्देश वैक्सीन के साथ ही आएंगे।