नई दिल्ली। टेरर फंडिग केस में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को NIA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने यासीन मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि सजा सुनाए जाने से पहले कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए।
यासीन मलिक (Yasin Malik News) ने इससे पहले अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया। मलिक ने कोर्ट में कहा कि 28 साल का मेरा राजनीतिक करियर रहा है। हिंसा की घटनाओं में शामिल होने की कोई बात साफ नहीं हुई है। मैं सजा में रियायत की मांग नहीं करूंगा। जो कोर्ट को उचित लगता है, वो सजा दे।
इस फैसले के बाद किसी प्रकार की अप्रिय घटना न होने पाए, इसके लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां पैनी नजर बनाए हुए हैं। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन को 19 मई को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत सभी आरोपों का दोषी ठहराया था। यासीन मलिक के केस की सुनवाई के चलते पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है।