विधानसभा में NGO के शिक्षकों का स्कूलों में फर्जी नियुक्ति का उठा मामला, शिक्षा विभाग की भी मिलीभगत

महासमुंद। कौशल विकास के नाम पर रि-इंडिया जो कि एक एनजीओ है के द्वारा जिले में शिक्षकों का फर्जी तरीके से स्कूलों में नियुक्ति का सामने आया है। नियमों को ताक पर रखकर इन शिक्षकों की नियुक्ति की गई हैं। हैरत की बात है कि ये शिक्षा विभाग की मिली भगत से हुआ और शासन को इसकी भनक तक नहीं पड़ी। इस मामले का ख्ुलासा तब हुआ जब एक प्रधानपाठक ने एक शिक्षिका के नियुक्ति की जानकारी शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक को दी।
इस मामले में संयुक्त संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं अकलतरा विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह ने भी इस मामले को विधानसभा में भी उठाया। इस पर क्म्व् की ओर से छत्तीसगढ़ विधानसभा को दी गई जानकारी में रि- इंडिया को छोड़ 7 छळव् पंजीकृत होना बताया गया।
इसके अलावा कौशल विकास के नाम पर 6 शिक्षकों की नियुक्ति को 17 जनवरी 2025 को निरस्त कर करने की जानकारी दी, लेकिन क्म्व् ने 6 शिक्षकों की जानकारी विधानसभा को देकर सभी को गुमराह किया, जबकि जिले में 7 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. इनमें महिला शिक्षिका योगेश्वरी बघेल की जानकारी छिपाई गई, जिसे कार्यभार ग्रहण कराया गया था।
गौरतलब है कि रायपुर के रि-इंडिया स्किल टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्रा. लि. द्वारा 2024 में 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को कौशल विकास पाठ्यक्रम, खेलकूद एवं स्वास्थ्य आदि अनुमति के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया था। तत्कालीन डीईओ मीता मुखर्जी ने इस एनजीओ से नियमों की अनदेखी करते हुए गडबड़ियां की।