शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Parliament 2021) के पहले दिन ही संसद में बड़ी कार्रवाई की गई है, जहां मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में हुए हंगामे को लेकर कांग्रेस (Congress), शिवसेना (Shiv Sena), टीएमसी (TMC), सीपीआई (CPI) और सीपीएम (CPM) के कुल 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है. सस्पेंड किये गए इन 12 सांसदों में से 6 कांग्रेस, 2 शिवसेना, 2 टीएमसी और एक-एक सांसद CPI और CPM के हैं. वहीं सत्र से निलंबन पर शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) का बयान आया है. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी आरोपी को सुना जाता है, उनके लिए वकील भी उपलब्ध कराए जाते हैं. कभी-कभी सरकारी अधिकारियों को उनका पक्ष लेने के लिए भेजा जाता है. यहां हमारा पक्ष नहीं लिया गया.
If you see the CCTV footage it has been recorded how male marshals were jostling female MPs. All of this on one side & your decision on the other? What kind of unparliamentary behaviour is this?: Shiv Sena MP Priyanka Chaturvedi – one of the 12 RS MPs suspended for this session pic.twitter.com/qwkCVvUsse
— ANI (@ANI) November 29, 2021
प्रियंका ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखें तो यह रिकॉर्ड हो गया है कि कैसे पुरुष मार्शल महिला सांसदों को पीट रहे थे. एक तरफ ये सब और दूसरी तरफ आपका फैसला? यह कैसा असंसदीय व्यवहार है?
सत्र से इन सांसदों को किया गया सस्पेंड
निलंबित सांसदों में कांग्रेस के फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजामणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, सीपीएम के इलामारन करीम ,अखिलेश प्रसाद सिंह, CPI के बिनोय विस्वम, तृणमूल कांग्रेस के डोला सेन और शांता छेत्री, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई को भी इस सत्र से निलंबित कर दिया गया है.
ये है मामला
बता दें कि बीते संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामे के दौरान धक्का-मुक्की करने और सदन की मर्यादा का कथित तौर पर उल्लंघन करने के आरोपों के बाद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी. समिति की सिफारिशों के आधार पर इन सांसदों के खिलाफ आज कार्रवाई की गई. सोमवार यानी 29 अगस्त के शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर तक प्रस्तावित है.