रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने राज्य सरकार पर कर्मचारियों को उलझाने की नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कैबिनेट के फैसले के बाद लागू ओल्ड पेंशन योजना पर वित्त विभाग के जारी निर्देश ने कर्मचारियों के सामने समाधान की जगह नई समस्या पैदा कर दी है। यह सरकार किसी मुद्दे को सुलझाने में नहीं, उलझाने में भरोसा रखती है। ऐसा एक भी संवेदनशील मुद्दा नहीं है, जिसे इस सरकार की पैंतरेबाजी ने उलझाया न हो। इसी प्रकार ओल्ड पेंशन के नाम पर यह सरकार पेचीदगी खड़ी कर रही है। सरकार की नीयत में खोट है और कर्मचारी उस पर विश्वास करने की स्थिति में नहीं हैं।
ओपी चौधरी ने कहा कि वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जो कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उसके लिए उन्हें शपथ पत्र देना होगा और एक शपथ पत्र देने के बाद कर्मचारी इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकते। भूपेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि पुरानी पेंशन योजना में भाग लेने के लिए कर्मचारियों को नवीन अंशदायी पेंशन योजना के खाते में जमा राशि, शासकीय अंशदान और आज दिनांक तक उस पर अर्जित लाभांश छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के कोष में जमा करना होगा। यह राशि लगभग 17 हजार करोड़ है।यह राशि कर्मचारियों को सन 2004 से 2022 के बीच तत्कालीन सरकार द्वारा कर्मचारियों को दी गयी है।यह कर्मचारियों की ही राशि है,जिस पर कांग्रेस सरकार अपनी गिद्ध दृष्टि डाली हुयी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार 4 साल में लगभग 62 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। कर्मचारी इस दिवालिया सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं कि अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी उसे कैसे सौंपें। सवाल यह है कि भूपेश बघेल राज्य के कर्मचारियों की जमा पूंजी 17 हजार करोड़ रुपये पर गिद्ध दृष्टि क्यों गड़ाए हैं???