रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया को भला कौन नहीं जानता? तेज़तर्रार नेता के साथ दिन हो या रात, अपने क्षेत्र में लगातार दौरे करने के साथ लोगों के साथ आत्मीयता से मिलने और उनके पास आए हुए जरूरतमंदों को कभी खाली हाथ नहीं लौटाने वाले मंत्री की एक अलग ही पहचान है।
रायपुर जिले के आरंग विधानसभा के विधायक डॉ. डहरिया भले ही मंत्री पद पर है, फिर भी वे अपनी भलमनसाहत के कारण सबके दिलों में बसते हैं। उनके क्षेत्र में किसी भी प्रकार का सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम हो यथा दशगात्र, तेरहवीं, छट्ठी, विवाह इत्यादि कार्यक्रम हो उसमें वे निमंत्रण मिलने या जानकारी होने पर घर पहुँच जाते हैं तथा उनके सुख-दुःख में सहभागी बनते है। अपनी मिलनसार व्यवहार से ही वे जहाँ भी जाते हैं वहां अपनी एक अलग ही छाप छोड़ते है और इसी वजह से उनका लोगों से मधुर संबंध है। जहां एक ओर डॉ. डहरिया भीतर से बहुत ही भावनात्मक और कोमल हृदय वाले है, जो अपने विभागों की सभी योजनाओं की गहराइयों से जानकारी भी रखते हैं तो वहीं दूसरी ओर जनहित के कार्यों को प्राथमिकता नहीं मिलने अथवा समीक्षा बैठक में उन्हें गोलमोल जवाब देने पर संबंधित अधिकारियों को वे बख़्शते भी नहीं है। शिकायत आने पर तत्काल कार्यवाही भी उनकी कार्यशैली का एक हिस्सा है।
डॉ. शिवकुमार डहरिया की जो मुस्कान है वह देखने वालों को भी भा जाती है। ऐसे ही मंत्री की कुछ अलग मुस्कान आज लोगों ने देखी। रायपुर शहर के जागृति नगर में आयोजित शेड के लोकार्पण कार्यक्रम में जब स्थानीय जनप्रतिनिधियों और लोगों ने सामुदायिक भवन की मांग की तो उन्होंने तत्काल 25 लाख रुपए के सामुदायिक भवन की घोषणा कर दी। इसी दरम्यान एक 9 माह की नन्हीं सी बच्ची मोक्षिका को उनके माता-पिता आशीर्वाद के लिए मंत्री की सामने किया तो डॉ. डहरिया ने उन्हें अपने गोद में लेकर अपना शुभाशिष प्रदान किया। मोक्षिका देखने में गोलू-मोलू और मासूम सी प्यारी बच्ची मंत्री के गोद में आ गई, मगर मंत्री जी के लाड-प्यार, दुलार-पुचकार के बाद भी मुस्कुराई नहीं। मंत्री जी उन्हें हँसाने की कोशिशों में पहले उन्हें उपहार दिया फिर खुद ही इतने मुस्कुराने लगे कि देखने वालों को मंत्री जी की ही मुस्कान भा गई। वहाँ सभी ने एक तरफ बच्ची के लिए तालिया बजाई तो दूसरी तरफ मंत्री जी के मुस्कुराहट की खूब चर्चा करते रहे। हालांकि मंत्री डॉ. डहरिया लगातार अनेक कार्यक्रमों में जाते रहते हैं, जिसमें जनसमूहों के भारी भीड़ में भाषणों से तथा लगातार दौरें के कारण कभी-कभी थकावट भी लाजिमी है। ऐसे में जहाँ भी उन्हें कोई छोटी बच्ची दिखाई देती हैं,वे उन्हें गोद में लेकर प्यार दुलार करते हैं और अपनी तरफ से उपहार भी देते हैं। यह एक ऐसा क्षण होता है जिसमे मंत्री जी को बच्चों से मुस्कान के साथ खुद के चेहरे पर मुस्कुराहट और थके हुए शरीर को एक ऊर्जा भी मिल जाती है जिससे वे और भी अधिक उत्साहपूर्वक अपने जनकल्याण में निरंतर कार्यरत बने रहते है।