बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादी 28 जुलाई से 5 अगस्त तक चारु मजूमदार की शहादत दिवस और शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। जिसके कारण ईको रेलवे ने 13 जुलाई से ही यात्री ट्रेनों का परिचालन न करने का निर्णय लिया है। किरंदुल से विशाखापट्टनम तक चलने वाली किरंदुल-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस और पैसेंजर यह दोनों ट्रेनें 24 दिनों तक किरंदुल नहीं पहुंचेगी। नक्सल दहशत की वजह से इन दोनों ट्रेनों का अंतिम स्टॉपेज अब जगदलपुर ही होगा।
इस साल जनवरी महीने में 7 दिन और फरवरी में एक दिन ट्रेन नहीं चली है। जिसके बाद नक्सली बंद की वजह से 10 मार्च से 15 मार्च के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद रहा। वहीं इसी महीने 23 मार्च से 29 मार्च तक नक्सलियों के साम्राज्यवाद विरोधी सप्ताह के तहत किरंदुल तक ट्रेनें नहीं पहुंची। 25 अप्रैल को माओवादियों ने दंडकारण्य बंद का आह्वान किया था। जिसके चलते 23 अप्रैल से 26 अप्रैल तक यात्री ट्रेनें नहीं चली। फिर 28 अप्रैल से 6 मई के बीच ब्रिज के मेंटेंसन कार्य को लेकर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया। यह तारीख बढ़ कर 12 मई हो गई थी। जून माह में अग्निपथ विरोध के चलते 19 और 20 जून को ट्रेन बंद रही। इसके अलावा 26 जून से 2 जुलाई तक माओवादियों के आर्थिक नाकेबंदी सप्ताह को देखते ट्रेनों के पहिए थमे थे।