अम्बिकापुर। ग्राम कुंन्नी में आपसी मारपीट के मामले को धार्मिक रंग देकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। लेकिन पुलिस के द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया गया है बहरहाल मामला अब शांत है वहीं दूसरी ओर रज़ा यूनिटी फाउंडेशन के पदाधिकारियों के द्वारा पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर असमाजिक तत्वों के द्वारा धार्मिक माहौल बिगाड़ने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है। READ MORE:आपसी मारपीट को धार्मिक रंग देकर मचाया बवाल, पूरा इलाका छावनी में तब्दील, पुलिस व जिला प्रशासन अलर्ट मोड में…
बहरहाल, आपसी मारपीट आखिर धार्मिक रूप कैसे लिया यह विचारणीय प्रश्न है. इस संबंध में जब गांव के लोगों से चर्चा किया गया तो उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2022 को ग्राम आरा व ग्राम कुन्नी के काफी लोग कुन्नी से लगे डैम में पिकनिक मनाने गए हुए थे. सभी लोग शांत माहौल में पिकनिक मनाते हुए कुछ अपने गांव की ओर शाम ढलते हुए लौटना शुरू भी कर दिया थे। इसी दौरान ग्राम आरा के रहने वाले राकेश यादव, मनीष गुप्ता, पंकज गुप्ता और श्याम गौड़ भी पिकनिक मना रहे थे। तभी ग्राम कुन्नी के विरेन्द्र यादव,सूरसतम, सरपंच व सचिव के पुत्र भी डेम में पहुंचे तभी किसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई, जो मारपीट तक पहुंच गई.READ MORE: आपसी मारपीट को धार्मिक रंग देकर मचाया बवाल, पूरा इलाका छावनी में तब्दील, पुलिस व जिला प्रशासन अलर्ट मोड में…
जिसके बाद ग्राम कुन्नी के युवकों ने ग्राम आरा के युवकों की जमकर पिटाई कर दी। तभी ग्राम आरा के राकेश यादव ने अपने गांव के मित्र मंसूर तत्काल फोन कर के पहुंचने को कहा, मंसूर अकेले वहां पहुंच मारपीट को शांत कराने का प्रयास करने लगा लेकिन ग्राम कुंन्नी के युवकों ने उसके सिर पर रॉड मार दिया जिससे वह वहीं पर बेहोश होकर गिर गया. जिसकी जानकारी पूरे गांव में तत्काल फैल गई फिर क्या था. ग्राम आरा के अन्य युवक भी वहां पहुंचे और मंसूर को पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराए।
इसके बाद भी ग्राम कुन्नी के विरेन्द्र यादव ग्राम आरा के युवकों को जातिगत गाली देना बंद नहीं किया। जिसके कारण विवाद बढ़ता ही चला गया। आपको बता दें की ग्राम आरा के युवकों के द्वारा जो रिपोर्ट थाने में दर्ज कराया है. उसमें आरा के दूसरे समुदाय के युवकों का नाम बतोर गवाह के रूप में दर्ज है। ऐसे में स्पष्ट है कि कुछ लोगों के द्वारा आपसी मारपीट की घटना को धार्मिक रंग चढ़ा कर पेश किया गया ताकि पूरे क्षेत्र का माहौल बिगाड़ा जा सके।
ऐसे में जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों का दायित्व है कि धार्मिक माहौल बिगाड़ने वाले आरोपी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए उन्हें सलाखों के पीछे डालें ताकि भविष्य में शांत सरगुजा के शांत माहौल को कोई बिगाड़ने का प्रयास ना कर सके।
पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया
गांव के बिगड़ते माहौल को संभालते हुए सरगुजा पुलिस कप्तान अमित तुकाराम कांबले ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को तत्काल गांव में स्थिति सामान्य करने के लिए भेजा बल्कि जिला प्रशासन के अनु विभागीय दंडाधिकारी प्रदीप साहू भी इनके साथ घंटों गांव में जमे रहे। इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ घंटों समय बिताते हुए उन्हें समझाया ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अब पहले की तरह ही सामान्य है
लुंड्रा थाना पुलिस ने किया तत्काल कार्यवाही
सूत्रों की माने तो मारपीट की जानकारी जैसे ही लुंड्रा थाना प्रभारी दिलबाग सिंग हो हुई वे तत्काल अपनी टीम के साथ घटनास्थल पहुंचे और हालात सामान्य करने में लग गए यही नहीं दोनों पक्षों के शिकायत पर उन्होंने प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कर ली वहीं घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया। आरोपियों की खोजबीन करते हुए 24 घंटे के अंदर ही उन्हें धर दबोचा और थाने में बंद कर दिया इसके पश्चात उन्हें न्यायालय में पेश किया। कई लोगों के द्वारा टी आई के ऊपर पक्षपात का भी आरोप लगा रहे हैं लेकिन न्यायालय किसी आरोपी को अगर जमानत देती है तो ऐसे में पुलिस पर उंगली उठाना कहा की समझदारी है।