जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस के पीड़ित परिवार पहुंचे SC, हाई कोर्ट के आदेश को दी चुनौती
राजस्थान। जयपुर सीरियल बम विस्फोट के 4 आरोपियों को बरी करने के आदेश के खिलाफ पीड़ितों के परिवारों ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पीड़ितों के परिवारों ने राजस्थान हाई कोर्ट के चार आरोपियों को बरी करने और निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के आदेश के खिलाफ एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है।
हाई कोर्ट ने 29 मार्च को जयपुर बम ब्लास्ट मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन चार आरोपियों को बरी कर दिया था जिन्हें विशेष अदालत ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने इसके साथ ही ‘खराब’ जांच के लिए भी जांच एजेंसी को फटकार लगाई थी।
बम धमाकों में 71 लोगों की हुई थी मौत
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सिलसिलेवार हुए आठ बम धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक घायल हुए थे। इन आठ सिलसिलेवार बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था। कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए पीड़ित परिवारों के साथ राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़ ने दिल्ली में वकीलों से मुलाकात की।
याचिका का मसौदा तैयार करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि निचली अदालत और हाई कोर्ट के फैसलों में कई खामियां हैं। राठौड़ ने कहा कि मैं पीड़ितों को आश्वासन देता हूं कि जब तक इन पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता बीजेपी इनके साथ खड़ी है।
कांग्रेस पर लगे कमजोर पैरवी के आरोप
जयपुर 2008 बम विस्फोट में मारे गए बेगुनाह लोगों के अपराधियों को मुख्य रूप से कांग्रेस सरकार की कमजोर पैरवी के चलते बरी हो जाने के बाद बीजेपी ने जयपुर शहर के रामलीला मैदान में पीड़ित परिवारों के साथ धरना दिया था। साथ ही सांगानेरी गेट से हनुमान मंदिर तक मशाल जुलूस व कैंडल मार्च निकाला गया था।