सावन के सोमवार के साथ मंगलवार का दिन काफी महत्वपूर्ण होता है
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सावन के मंगलवार के दिन उपवास रखने से बजरंगबली और देवों के देव महादेव दोनों प्रसन्न होते हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, देवताओं में भगवान शिव के बाद बजरंगबली ही ऐसे देवता हैं, जो अपने भक्तों पर अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं. छोटे-छोटे उपायों व मंत्रों से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं. सच्चे मन से श्रद्धापूर्वक की गई पूजा कभी बेकार नहीं जाती.
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सावन के मंगलवार को बजरंगबली की खास विधि से पूजा-अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. सुबह उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें. शाम के समय चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें. अब एक आसन बिछाकर आप भी बैठ जाएं. दही में दूध, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल और पंचमेवा डालकर उसका पंचामृत बनाएं. प्रतिमा के सामने कलश स्थापित करें, कलश में पंचपल्लव रखें, इसके ऊपर एक पात्र में चावल भर कर रखें और उसमें सुपारी, पान के पत्ते और मौली रख दें.
पूजा के लिए किन सामानों की होगी आवश्यकता
चौकी, लाल कपड़ा, कलश, पंच पल्लव, नारियल, मौली, पुष्पमाला, चना, कुशा, दूर्वा, पंचमेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, दही, दूध, घी, मिष्ठान, इत्र की शीशी, चमेली का तेल, लाल सिंदूर, चंदन, रुई, सुपारी, पान के पत्ते, गुलाल, दीपक और चावल.
क्या है पूजा विधि
हाथ में चावल और फूल लेकर हनुमान जी का ध्यान करें. अब चमेली के तेल में सिंदूर मिलाएं और बजरंगबली को लेप लगाएं. हनुमान जी को लाल लंगोट पहनाएं. इसके बाद दूर्वा से इत्र छिड़कें, कुमकुम का टीका लगाएं और पुष्पमाला पहनाएं. मिष्ठान पर तुलसी रखकर भोग लगाएं और पान और पंचमेवा अर्पित करें. इसके बाद “ऊँ अंजनी जाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान प्रचोदयात्” का जाप करें और क्षमा प्रार्थना करें. इस प्रक्रिया के बाद हनुमान जी की आरती करें और प्रसाद वितरण करें.
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सावन के मंगलवार के दिन व्रत रखने और इस मंत्र का जप करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनवांछित फल का आशीर्वाद देते हैं.