
भानुप्रतापपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है इसको लेकर आदिवासी समाज के लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे है। इस मुद्दे पर कांग्रेस घिरते नजर आ रही है। वहीं बुधवार को भानुप्रतापपुर उपचुनाव में आरक्षण के मुद्दे को लेकर आदिवासी समाज का एक बड़ा विरोध सामने आया है। जहां उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी का प्रचार करने पहुंचे आबकारी मंत्री कवासी लखमा का विरोध कर उन्हें प्रचार करने से रोक दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
यह घटना भानुप्रतापपुर ब्लॉक के बोगर ग्राम पंचायत की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, आदिवासी नेताओं के द्वारा कांग्रेस की जनसभाओं में अपना विरोध जता रहे हैं। आदिवासी समाज के नेताओं ने बुधवार को कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा को ही आदिवासी समाज के खिलाफ बताकर विरोध करना शुरू कर दिया और मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। बोगर ग्राम पंचायत की इस घटना को लेकर आदिवासी समाज द्वारा कहा जा रहा है कि आदिवासी समाज के हितों का ख्याल रखना जरूरी है लेकिन कुछ नेता आदिवासी समाज की अनदेखी कर रहे हैं। इसलिए विरोध कर रहे हैं। कवासी लखमा का विरोध बोगर ग्राम पंचायत के सरपंच ज्ञान सिंह गौर के द्वारा किया गया। सरपंच ज्ञान सिंह गौर ने कहा कि जो आदिवासी नेता आदिवासियों के बारे में नहीं सोचता है और जो आदिवासी नेता उनके अधिकारों का विरोध करता है, वह नेता आदिवासी का नहीं हो सकता है।
वही इस बीच प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने माइक थामा और कहा कि मंत्री कवासी लखमा जहां भी मेरे साथ जा रहे हैं। वहां आरक्षण के मुद्दे पर जरूर अपनी बात रख रहे हैं। सावित्री मंडावी ने बताया कि मंत्री लखमा बोल रहे हैं कि आरक्षण का मसला हल नहीं कर पाए तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। सावित्री मंडावी की बातें सुनने के बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए।