
अंबिकापुर। सरगुजा (Surguja) राजघराने की राजमाता (Rajmata,) देवेंद्र कुमारी सिंहदेव राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। रानी तालाब श्मशान घाट पर उनके पुत्र श्रीमंत टीएस सिंहदेव ने उन्हें मुखाग्नि दी। इसके बाद सारा माहौल गमगीन हो गया। इस मौके पर बड़ी तादाद में गणमान्य लोग मौजूद रहे। इससे पहले राजमाता का पार्थिव शरीर राजमहल के आंगन में लोगों के दर्शनार्थ रखा गया था। उसके बाद वहां से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। सरगुजा राजघराने की राजमाता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ का पूरा मंत्रिमंडल (Chhattisgarh Government) वहां मौजूद है। मध्य प्रदेश से दिग्विजय सिंह भी वहां पहुंचे थे। ।
दरिमा हैलीपैड पहुंचा शव:

सरगुजा राजघराने की राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह विशेष विमान से अंबिकापुर के दरिमा हेलीपैड (Darima Helipad) पहुंचा। यहां से उनके पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए दोपहर 12 से 3 बजे तक सरगुजा पैलेस में रखा गया था। इसके बाद वहां से रानी तालाब तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। फिलहाल राजमाता के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। घाट पर भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ी है।

रानी तालाब पर ये लोग हैं मौजूद:
अंतिम संस्कार में राजमाता के बेटे और कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव, अरुणेश्वर शरण सिंहदेव, पोते आदित्येश्वर शरण सिंहदेव व परिवार के सदस्य के अलावा छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, सांसद, नेता और अन्य करीबी लोग पहुंचे हैं। राजमाता का लंबी बीमारी के बाद 10 फरवरी को दिल्ली स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। सरगुजा महाराजा स्व. मदनेश्वर शरण देव की धर्मपत्नी देवेंद्र कुमारी जी जुब्बल रियासत की राजकुमारी थीं। रानी तालाब पर वेदमंत्रोच्चार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बस थोड़ी ही देर में उनको मुखाग्नि दी जाएगी।