रायपुर। किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर गरियाबंद मैनपुर से निकलने वाली ट्रैक्टर रैली आज राजधानी रायपुर पहुंचेगी। वहीं जनसभा का भी आयोजन किया जाएगा। गरियाबंद जिला से करीब 10 से 12 हजार किसान राजधानी में आयोजित होने वाली ट्रैक्टर रैली में शामिल होंगे।
बता दें कि जून 2020 में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा बड़े पूंजीपतियों के हित में तथा किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी पारित कानून को करीब 700 किसानों के प्राणों की आहुति के बाद प्रधानमंत्री ने गुरुपर्व के अवसर पर वापस लेने की घोषणा की थी। जिस कानून को उन्होंने गैर संवैधानिक तरीके से लाया था। जिसके खिलाफ अध्यादेश लाये जाने के समय से ही देश के किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जिसे डेढ़ साल और दिल्ली सीमाओ पर आंदोलन को 26 नवम्बर को एक साल पूरा होने जा रही है। अध्यादेश लाये जाने के समय विरोध होने पर यदि वापस ले लिया गया होता तो अब तक करीब सात सौ किसान अपने परिवार और समाज से हमेशा के लिए नहीं बिछुड़ता।
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने बताया कि दिल्ली सीमाओं पर किसान आंदोलन को एक साल पूरा होने के अवसर पर “तीन कृषि कानून वापस हुआ है, एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए” नारे के साथ गरियाबंद जिले के मैनपुर से 25 नवंबर को ट्रैक्टर रैली निकाली गई। जो 26 नवंबर को राजधानी रायपुर पहुंचेगी। जहाँ पर जनसभा पश्चात प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
तेजराम विद्रोही जो रैली की शुरुआत से साथ मे रहेंगे।उन्होंने रास्ते को लेकर जानकारी दिया कि 25 नवंबर को सुबह 10 बजे दुर्गा चौक मैनपुर से ट्रैक्टर रैली की शुरुआत होगी। जिसमें उदंती, राजपडाव, सीतानदी, जिडार जैसे सुदूर वनांचल से वरिष्ठ आदिवासी नेता भोजलाल नेताम, जिला पंचायत गरियाबंद सदस्य श्रीमती लोकेश्वरी नेताम, अर्जुन सिंह नायक, अमृत लाल नागेश, दीपक मंडावी, दिनाचन्द मरकाम, टीकम नागवंशी, कांति मरकाम, सुनील मरकाम, पूरण मेश्राम, चिमन नेताम, दलसू राम मरकाम, जयलाल सोरी, महेंद्र नेताम आदि के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर आदिवासी किसान शामिल होंगे। वहीं गरियाबंद, राजिम, फिंगेश्वर से मदन लाल साहू, उत्तम कुमार, रेखुराम, ललित कुमार, जहूर राम, पवन कुमार, सोमन यादव, नंदू ध्रुव, होरीलाल, पदम, मनोज कुमार, मोहन लाल के नेतृत्व में किसान शामिल होंगे। जो दोपहर 3 बजे पंडित सुन्दर लाल शर्मा चौक राजिम पहुचेंगी। इस प्रकार गरियाबंद जिला से करीब 10 से 12 हजार किसान राजधानी में आयोजित होने वाली ट्रैक्टर रैली में शामिल होंगे।
केन्द्र एवं राज्य सरकार से मांग…
1. तीन कृषि कानून वापस हुआ है एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए।
2. आंदोलन में जान गंवाए किसानों को शहीद का दर्जा एवं परिवर को पर्याप्त सहायता राशि दिया जाए।
3. केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त एवं गिरफ्तार किया जाए एवं आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज सभी मामले वापस लिए जाए।
4. किसानों की लागत बढ़ाने वाले पेट्रोल, डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं आदि के दामों को आधा किया जाए।
5. बेमौसम बारिश, प्राकृतिक आपदाओं एवं जानवरों से फसलों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए।
6. जंगली सूअर को वन्य प्राणी अधिनियम की श्रेणी से अलग किया जाए।
7. भूमि का फौती/नामांतरण अथवा हक त्याग में लगने वाले पंजीकरण शुल्क को समाप्त किया जाए।
8. ग्राम बम्हनीझोला, ग्राम पंचायत कोयबा विकास खंड मैनपुर जिला गरियाबन्द में मक्का प्रोसेसिंग केन्द्र का निर्माण किया जाए।
9. ग्राम शोभा एवं बम्हनीझोला विकास खंड मैनपुर जिला गरियाबंद में मक्का खरीदी केंद्र की स्थापना किया जाए।
10. औद्योगिक प्रयोजनों हेतु कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए।
11. आदिवासियों/ग्रामीणों के ऊपर माओवाद के नाम पर बनाये गए फर्जी मामले वापस लिए जाए।
12. माओवाद के नाम पर आदिवासियों/ग्रामीणों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर रोक लगाई जाए।
13. केन्द्र सरकार द्वारा पारित चार श्रम सहिंता रदद् किया जाए।
14. आदिवासी बहुल इलाकों में पेसा कानून का पालन किया।