छत्तीसगढ़ में आज हरेली तिहार, पहली बार प्रदेश सरकार भी शामिल
रायपुर। राज्य बनने के बाद पहली बार हरेली को राज्य सरकार एक उत्सव के रूप में मना रही है। इस उत्सव पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास से बैलगाड़ी पर सवार होकर निकलेंगे। राज्य के पहले पारंपरिक त्यौहार हरेली की शुरुआत भूपेश बघेल राजधानी रायपुर में करेंगे, जहां पर वे सीएम हाउस से बैलगाड़ी पर सवार होकर संस्कृति विभाग तक जाएंगे। वहां वे पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लेकर बिलासपुर जाएंगे।
इस उत्सव के लिए प्रदेश के सभी मंत्रियों और प्राधिकरणों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार के संस्कृति विभाग और कांग्रेस संस्कृति प्रकोष्ठ ने हरेली त्यौहार के लिए तैयारी पूरी कर ली है।
पहली बार भव्य रूप से मनाए जाने के साथ ही सीएम बघेल ने हरेली पर छुट्टी की घोषणा की है। यह पहला मौका होगा, जब हरेली के उत्सव में ग्रामीणों व किसानों के साथ सरकार शामिल होगी। त्यौहार की शुरुआत सुबह 9 बजे सीएम हाउस से होगी।
यहां पर सजी-धजी तीन बैलगाड़ियों पर सवार होकर सीएम बघेल और उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य निकलेंगे। इस दौरान 50 गेड़ी की व्यवस्था की गई है। वहीं 11 डांस ग्रुप के अलावा हरी साड़ी में सज-धजकर 50 महिलाएं भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगी।
यह है महत्व
छत्तीसगढ़ में त्यौहारों की शुरुआत हरेली से होती है। इस दिन किसान खेती में उपयोग होने वाले सभी औजारों की पूजा करते हैं। गाय-बैलों की भी पूजा की जाती है। इस दिन कुलदेवता और ग्राम देवता की भी पूजा की जाती है। गेंड़ी सहित कई तरह के पारंपरिक खेल का आयोजन किया जाता है। इस दिन गाय-बैलों को बीमारी से बचाने के लिए बरगंडा व नमक खिलाया जाता है।