चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर पर कार्रवाई के लिए घूस मांगने वाला TI सस्पेंड

धमतरी | डीजीपी डीएम अवस्थी ने धमतरी कोतवाली टीआई उमेंद्र टंडन व हवलदार उत्तम निषाद को निलंबित कर दिया। दोनों पर चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिश्वत निवेशक और अभिकर्ताओं ने लगाया था। चिटफंड कंपनी महानदी एडवाइजरी सर्विसेज लिमिटेड के डॉयरेक्टर सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज अभिकर्ता और निवेशकों ने 19 जून को धरना-प्रदर्शन कर कोतवाली टीआई उमेंद्र टंडन और हवलदार उत्तम निषाद पर अपराध दर्ज करने के लिए घूस लेने का आरोप लगाया था।
उनके मुताबिक टीआई केस दर्ज करने के लिए 60 हजार मांग रहे थे। निवेशक, अभिकर्ताओं ने 30 हजार रुपए एकत्रित कर उत्तम निषाद को देने की जानकारी दी थी। मंगलवार को निवेशक, अभिकर्ताओं संघ ने रायपुर जाकर सीधे डीजीपी डीएम अवस्थी से इसकी शिकायत की। इधर शाम 5 बजे डीजीपी ने टीआई और हवलदार को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। इसी तरह धमतरी जिले के मगरलोड ब्लॉक के उत्तर सिंगपुर वन परिक्षेत्र के मोहंदी- बिरझुली के जंगल में बीजा पेड़ों की अवैध कटाई मामले में डिप्टी रेंजर प्रेमलाल लहरे को निलंबित कर दिया गया है।
बालोद, राजनांदगांव में पैसा डबल करने का झांसा देकर 100 से ज्यादा से ठगी
साढ़े चार साल में रकम दोगुना करने का झांसा देकर इंड्स वेयर इंडस्ट्रीज लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी ने राजनांदगांव और बालोद जिले के सौ से ज्यादा लोगों से लाखों रुपए जमा करवाए और फिर दफ्तर में ताला लगाकर फरार हो गई। कंपनी के डायरेक्टर सहित अन्य आरोपी बिहार के रहने वाले हैं। फिलहाल नौ पीड़ितों ने ठगी की शिकायत बालोद थाने में की है। उनके आवेदन की जांच के बाद मंगलवार को कंपनी के डायरेक्टर आरोपी अरुणेश सीता (पटना, बिहार), प्रिंस राणा (नौगढ़ जिला सिंगरौली), अनिल त्रिवेदी, बालचंद चौरसिया, श्यामसुंदर, पारसनाथ शर्मा, मजहरूल कादिर, रसीद कंवर, पार्थसारथी (न्यू पाटलीपुत्र, बिहार) के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस में दर्ज केस अनुसार अब तक नौ लोगों से सात लाख से ज्यादा की ठगी कर दी गई है। टीआई अमर नाथ सिदार ने बताया कि सभी आरोपी फरार है। अब तक नौ लोगों से सात लाख 37 हजार की ठगी की पुष्टि हुई है। ग्राहकों के बॉण्ड पेपर मंगा रहे हैं। जो भी इस कंपनी से पीड़ित हैं, वे सामने आ सकते हैं। मकान मालिक से भी पूछताछ की जा रही है जिसके घर में दफ्तर चल रहा था।
राजनांदगांव रोड बालोद स्टेट बैंक के पास डॉ. आरएस परिहार के मकान में इंड्स वेयर कंपनी का दफ्तर था। कंपनी का हेड आफिस 41/1 वेस्ट गुरु आनंद नगर विकास मार्ग अपोजिट स्कोप टावर लक्ष्मी नगर दिल्ली है। निवेशकों को मासिक, तिमाही, छमाही, वार्षिक, फिक्स डिपाजिट एमआईएस योजना में पैसा जमा कराने पर साढ़े चार साल में दोगुना रकम मिलने का झांसा दिया जाता था।
एक साल बाद ठगे जाने का एहसास हुआ :
कंपनी का दफ्तर एक साल पहले ही बंद हो गया था। लेकिन पीड़ित अब सामने आए हैं। इसकी वजह बताते हुए आवेदकों ने कहा, जब दफ्तर बंद हुआ तो जो खाते चल रहे थे, उनका मैच्योरिटी डेट एक साल बचा हुआ था। इसलिए तत्काल पीड़ितों ने शिकायत नहीं की। कंपनी के कुछ लोगों से बात होती रही। वे पैसा लौटा देने या फिर सब्र करने पर कंपनी के स्कीम के तहत फायदा मिलने की बात कर टालते रहे। जब कुछ न मिला तो हताश होकर लोगों ने आवाज उठाई।