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क्षेत्र में फैली इस अफवाह से किसानों में मचा हड़कंप, कांग्रेस ने की फ़र्ज़ी अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की मांग

दिनेश गुप्ता, बीजापुर-भोपालपटनम। एक अफवाह ऐसी जो तहसील में फैलते ही दूरदराज के गांवों व आसपास के किसानों में हड़कंप मच गया। किसानों की मजबूरी का फायदा स्टांफ वेंडर, आनलाइन वाले, अर्जिनवीस व बाबू ने उठाया। कांग्रेस पार्टी का कहना है आखिर जिसने भी यह अफवाह फैलाई उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

भोपालपटनम तहसील के बारेगुड़ा के लेम्स प्रबंधक गोपाल लम्बाड़ी द्वारा कथित तौर पर यह बात किसानों को बताया गया है कि सभी किसानों का पुनः पंजीयन कराना आवश्यक है। यह बात “बात का बतंगड़” बनते चले गई। यह बात इस क्षेत्र से निकल कर पूरे तहसील में आग की तरह फ़ैल गई। जब यह अफवाह सूदूरवर्ती गांव में पहुंची तो किसानों का भारी तबका तहसील कार्यालय पहुंचा व पंजीयन हेतु प्रक्रिया पुछने पर जो प्रक्रिया किसानां को बताया गया। उससे तथाकथित धंधेबाजों की बाछें खिल गई।

स्टांप वेंडरों की हुई चांदी

किसानों के लिए “मरता क्या न करता“ वाली दशा हो गई। स्टांप वेंडर भी 10/- रु. के स्टांप को 50/- रु से लेकर 70/-रु में बेच रहे हैं वंही आनलाइन वाले 50/-रु , अर्जीनवीस लगभग 100/- , 150/- रु तक , बाबू का खर्च अलग कुछ मिलाकर लगभग 500/-रु खर्च। ऐसा किसानों का मौखिक तौर पर कहना है।

एक वयोवृद्ध सेवानिवृत्त कर्मचारी मंगु मेहरा ने बताया कि वह बीजापुर में रहता है , उसे उसके गांव बारेगुड़ा के नरसिंह मोरला ने कहा तो वह भी पंजीयन हेतु आ गया। इतना झुलसते गर्मी में जहां सूर्य आग बरसा रहा है, इस भीषण गर्मी में इन किसानों के साथ मजाक और छलावा जिसने भी किया, उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

जब हजारों किसान तहसील कार्यालय पहुंचे तो तब जिला किसान मोर्चा के अध्यक्ष टी गोवर्धन राव व ब्लाक मोर्चा के अध्यक्ष कुशाल खान , पार्षद अशोक गोमास ने किसानों से तत्काल समस्या पूछने पर उक्त बातें का पूरा वाकया सुनाया। तत्पश्चात दोनों अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से यह कहा कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा कथित रूप से कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

लेम्स प्रबंधक को फटकार

इस संबंध में तहसीलदार श्री बघेल से बात की तो उन्होंने कहा तहसील में लगभग 3500 किसान है, उनमें से करीब करीब 3000 किसानों का पंजीयन हो चुका है, जिनका पंजीयन नहीं हुआ है उन किसानों का पंजीयन कराना आवश्यक है। पंजीकृत किसानों को पंजीयन कराना आवश्यकता नहीं है। उन्होंने तत्काल तहसील में संचालित लेम्स प्रबंधक को फटकार लगाई, आइंदा ऐसी स्थिति हुईं तो तुम्हारी खैर नहीं ।“

जिला पंजीयक कार्यालय को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिन स्टांप वेंडर को स्टांप पेपर बेचने का अधिकार दिया है। उन पर नकेल कसना चाहिए। ये लोग मनमाने दाम पर स्टांप पेपर जो 10/- रु का है उसे 20/-से लेकर 50/-तक बेचते हैं। गरीब मजदूर को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ते।

इन सभी समस्याओं के लिए जिले के अधिकारियों के साथ तहसील के अधिकारी को भी इस पर संज्ञान लेकर कार्यवाही करना चाहिए, जिससे कि इस तरह के गोरखधंधे का पटाक्षेप हो सके। साथ ही अफवाह फ़ैलाने वाले पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

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