महामाया पहाड़ में रोहंगिया शरणार्थियों की नहीं मिली उपस्थिति, जिला प्रशासन ने स्पष्ट की रिपोर्ट…
भाजपा पार्षद ने शहर के विधायक व सूबे के मंत्री सिंहदेव पर बसाने का लगाया था आरोप...
अम्बिकापुर- अंबिकापुर के संरक्षित मां महामाया पहाड़ में अतिक्रमण की पुष्टि तो हुई है मगर रोहिंग्या शरणार्थी नहीं मिले हैं। प्रशासन के द्वारा कराए गए जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यहां करीब 226 लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं। जो छत्तीसगढ़ सहित अलग-अलग प्रदेशों से आकर महामाया पहाड़ पर बसे हैं, मगर इनमें रोहिंग्या मुसलमान शामिल नहीं है।
ऐसे में अब इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद जिला प्रशासन के सामने अतिक्रमण धारियों को हटाने की बड़ी चुनौती नजर आ रही है। गौरतलब है कि भाजपा पार्षद आलोक दुबे द्वारा बीते कुछ महीने पहले एक गंभीर आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस के द्वारा महामाया पहाड़ में वोट बैंक के लिए रोहंगिया शरणार्थियों को बसाया गया। यह गंभीर आरोप लगाते हुए पार्षद आलोक दुबे ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर रोहिंग्या शरणार्थियों की जांच कराने की मांग की थी।
जबकि इस कथित मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर मांग की थी कि यदि महामाया पहाड़ पर रोहिंग्या शरणार्थी बसे हैं तो उनकी शिनाख्त कर कार्यवाही की जाये। इस कथित मामले के सामने आने के बाद राजस्व विभाग, वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम का गठन कर मामले की जांच कराई गई। वही जब जांच रिपोर्ट आई तो यह स्पष्ट हो गया कि पार्षद आलोक दुबे द्वारा लगाया गया गंभीर आरोप मनगढ़ंत और गलत है क्योंकि प्रशासनिक जांच में महामाया पहाड़ पर एक भी रोहिंग्या शरणार्थी नहीं मिले है।