हाईकोर्ट ने बिलासपुर से फ्लाईट बंद होने को लेकर जताई नाराजगी, AAI से पूछा – एग्रीमेंट न मानने पर अलायंस एयर पर क्या कार्रवाई की गई
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बिलासपुर में फ्लाईट बंद करने को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस पी सैम कोशी की बेंच ने पूछा है कि अलायंस एयर ने बिलासपुर- भोपाल उड़ान के लिए तीन साल का एग्रीमेंट किया था। लेकिन, चार महीने में फ्लाईट कैसे बंद कर दी गई और एग्रीमेंट का पालन नहीं किया तो अलायंस एयर पर एयरपोर्ट अथार्टी ऑफ इंडिया (AAI) ने क्या कार्रवाई की है। कोर्ट ने राज्य शासन से भी यह पूछा है कि अगर केंद्र सरकार सेना की जमीन वापसी के लिए तैयार है तो इसके लिए कार्रवाई कैसे और कब होगी।
शुक्रवार को इस केस की सुनवाई के दौरान AAI ने अपने जवाब में बताया कि बिलासपुर-भोपाल उड़ान को बंद कर बिलासपुर-इंदौर उड़ान शुरू तो की गई थी। लेकिन, उसे उड़ान योजना का दर्जा नहीं दिया गया था, इसलिए उसमें VGF सब्सिडी नहीं दी गई। AAI ने यह भी बताया कि बिलासपुर-इंदौर फ्लाईट को बंद करना अलायन्स एयर का व्यावसायिक निर्णय है।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से बताया गया कि अलायंस एयर ने फ्लाईट शुरू करने से पहले AAI से एग्रीमेंट किया था, जिसके अनुसार तीन साल तक फ्लाईट चलानी थी। इस पर डिवीजन बेंच ने AAI से पूछा कि बिलासपुर- भोपाल की उड़ान चार महीने में कैसे बंद हो गई और अलायंस एयर ने एग्रीमेंट नहीं माना तब उस पर क्या कार्रवाई की गई। इस पर AAI ने माना कि बिलासपुर- भोपाल उड़ान बंद करना सही नहीं था। इसके लिए अलायंस एयर को नोटिस देने की तैयारी चल रही है। इस पर कोर्ट ने आठ माह तक मामले में अलायंस एयर को नोटिस नहीं देने पर भी सवाल उठाया है।
सुनवाई के दौरान सेना के कब्जे वाली एक हजार 12 एकड़ जमीन वापसी का मामला भी उठा। इस पर डिवीजन बेंच ने पूछा कि अगर केंद्र और राज्य सरकार दोनों सैद्धांतिक रूप से जमीन वापस के लिए सहमत हैं तो इस पर समयबद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। डिवीजन बेंच ने इसके लिए 45 दिनों का समय देते हुए कहा कि इस जनहित के कार्य के लिए केंद्र और राज्य सरकार शीघ्र ठोस कदम उठाए। साथ ही यह भी कहा कि 28 एकड़ जमीन वापसी के बजाए एक हजार 12 एकड़ जमीन को एक बार में ही वापसी के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट आशीष श्रीवास्तव, एडवोकेट सुदीप श्रीवास्तव, AAI की ओर से अनुमेह श्रीवास्तव, केंद्र सरकार की तरफ से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल मिश्रा और राज्य सरकार की तरफ से उप महाधिवक्ता हरप्रीत अहलूवालिया ने बहस की। मामले की अगली सुनवाई मई के दूसरे सप्ताह में राखी गई है। कोर्ट ने अलायन्स एयर को जवाब देने के लिए अलग से नोटिस भी जारी किया है।