देश में रेप के मामले बढ़ते जा रहे है. वही छत्तीसगढ़ की एक मासूम से दुष्कर्म के आरोपी को एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अच्छी बात ये है कि कोर्ट ने घटना के करीब ढ़ाई महीने बाद ही आरोपी को सजा सुना दी है.
दरअसल घटना 10 जुलाई की शाम 5 बजे रायगढ़ के कयाघाट के शंकर चौहान (25) अपने परिचित के घर गया. उसने बच्ची के चाचा से 100 रुपए शराब पीने के लिए मांगे. बताया कि कल उसकी (शंकर) की बेटी का जन्मदिन है. उसके लिए कपड़े और सामान खरीदने बाजार जाना है.
नाबालिग के चाचा से तुरंत तैयार होकर घर पहुंचने के लिए कहा. घर वालों की नजर बचाकर वहां खेल रही नाबालिग को वह अपने साथ ले गया. नाबालिग शंकर को पहचानती थी इसलिए वह उसके साथ चली गई. शाम 6 बजे जब नाबालिग का चाचा जब शंकर के घर पहुंचा तो घर बंद था. पास जाने पर बच्चे के रोने की आवाज आई. झरोखे से अंदर देखा तो मासूम बैठी रो रही थी.
दरवाजे को धक्का मारकर खोला और अंदर से बच्ची को बरामद किया. 10 जुलाई को ही जूट मिल चौकी में जाकर शिकायत की. पुलिस ने तुरंत शंकर चौहान के खिलाफ धारा 323, 376एबी, 363, 366 और पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया. आरोपी की गिरफ्तारी हुई. पुलिस ने डायरी के साथ तमाम सबूत इकट्ठा किए. मेडिकल जांच के साथ ही सबूतों के आधार पर कोर्ट ने शंकर को दोषी पाया. धारा 363 यानि नाबालिग को फुसलाकर ले जाना यानि अपहरण के लिए 7 साल की सजा, 366 के दोष पर 10 साल की सजा, 376एबी और पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.