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धरने पर बैठे BPO कर्मियों को समझाने पहुंचे तहसीलदार व TI, प्रशासन के रवैए से नाराज युवा

दिनेश गुप्ता, गीदम। बीपीओ कॉल सेंटर में कार्यरत युवाओं को विगत तीन-चार महीनों से वेतन नही मिल रहा हैं। अपनी वेतन व अन्य समस्याओं को लेकर जब युवाओं ने आंदोलन और विरोध की राह पकड़ा तब भी प्रशासन का रवैया उनके साथ अच्छा नही दिखाई दे रहा हैं, प्रशासन उनकी मांगों पर उदासीन बना हुआ है।

बीपीओ कॉल सेंटर में काम करने वाले युवाओं ने आरोप लगाया है कि हमने धरना प्रदर्शन के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग 63 में टेंट लगाया था, जिसे प्रशासन ने तहसीलदार, थाना प्रभारी व अन्य पुलिस कर्मियों के सहयोग से निकलवा दिया। युवाओं ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें रोजगार और सुविधाओं के नाम पर गुमराह किया जा रहा है।

जब भाजपा की सरकार थी तब मंत्रियों और उच्च अधिकारियों के दौरों पर सभी सुविधाएं दिखा व बता कर वाहवाही लूटी जाती थी। जब से सरकार में बदलाव आया है तब से उनकी सुविधाओं में कमी कर दी गयी है। युवाओं का कहना है कि हम बेरोजगार युवक हैं और हम रोजगार की तलाश में यहाँ पर कार्य कर रहे हैं।

चार महीनों से वेतन का भुगतान नही

लगातार कार्य करते रहने के बाद भी कंपनी द्वारा तीन – चार महीनों से अभी तक वेतन का भुगतान नही किया गया है। युवाओं का कहना है कि वैक्स टैग कंपनी के उच्च अधिकारियों का कहना है कि काम पर लौटने से ही वेतन मिलेगा। यदि आप हड़ताल व धरने में बैठे रहेंगें तो आपको वेतन का भुगतान नही होगा।

बीपीओ में काम करने वाले युवा विरोध स्वरूप आज कंपनी व जिला प्रशासन का पुतला दहन करने वाले थे। आक्रोशित युवाओं को समझाने व उनकी हड़ताल को समाप्त करवाने के लिये जिला प्रशासन द्वारा तहसीलदार गीदम श्रीमती दिव्या पोटाई व थाना प्रभारी गीदम विजय यादव को मौके पर भेजा गया।

उन्होंने आक्रोशित युवाओं को समझाया और युवाओं को बताया कि युवाओं की मांग पर प्रशासन कंपनी से बात करेगा। और उनका वेतन शीघ्र उनको दिलाने का प्रयास किया जायेगा। इस घटना से एक बात साफ नजर आ रही है कि जिला प्रशासन और बीपीओ में कार्यरत प्राइवेट कंपनियों के बीच तालमेल नही बन पा रहा है। जिसके कारण बार – बार इस प्रकार की स्थितियां निर्मित हो रही है।

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