
नई दिल्ली। सीबीआई ने पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और रॉ के चीफ सामंत गोयल को 2018 में दर्ज घूस कांड में क्लीनचिट दे दी है। इस मामले में जांच अधिकारियों ने कहा कि कहीं भी ऐसा कोई सुबूत नहीं मिलता कि जहां राकेश अस्थाना ने धनशोधन मामले में शिकायतकर्ता सतीश बाबू को बचाने की कोशिश की हो या फिर किसी को घूस दिया हो। यह मामला मीट निर्यातक मोइनुद्दीन कुरैशी से जुड़ा हुआ है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मंगलवार को सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश
. सीबीआई ने दुबई के कारोबारी और कथित बिचौलिए मनोज प्रसाद के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. जिसे पहले गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने मनोज प्रसाद व शिकायतकर्ता सतीश सना बाबू के बीच की कॉल डिटेल भी प्राप्त की है.
दुबई के कारोबारी और बिचौलिए के खिलाफ चार्जशीट दाखिल:
घूस के एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दुबई के कारोबारी और कथित बिचौलिए मनोज प्रसाद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इसी मामले में सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का नाम भी शामिल था लेकिन सीबीआई ने अस्थाना को क्लीनचिट दे दी है। एक समाचार एजेंसी ने सीबीआई अधिकारियों के हवाले से बताया कि जांच एजेंसी ने अदालत में एक आवेदन दिया है। इसमें कहा गया है कि उसके भाई, सोमेश और सुनील मित्तल के खिलाफ जांच की आवश्यकता है।
क्या निकाला गया निष्कर्ष:
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि कोई साक्ष्य नहीं है जो दिखाता है कि अस्थाना ने कभी धनशोधन मामले में शिकायतकर्ता सतीशबाबू को बचाने के लिए कोई रिश्वत मांगी या दी। यह घूसखोरी मामला विवादास्पद मीट निर्यातक मोइन कुरैशी से जुड़ा हैं सीबीआई ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि अस्थाना और प्रसाद के बीच कोई संबंध नहीं हैं। सीबीआई ने यह भी कहा कि बाबू के प्रसाद के साथ हुई चर्चा में किसी भी नौकरशाह की कोई भूमिका नहीं थी।
अस्थाना ने आरोपों से किया इनकार
सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने जांच अधिकारी सतीश डागर और पद क्रम के चार अन्य लोगों के साथ सहमति जताई कि अस्थाना सहित अन्य नौकरशाहों के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। हैदराबाद के व्यवसायी सतीश बाबू सना ने दायर शिकायत के तहत भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रांसगिक धाराओं के तहत अस्थाना के खिलाफ आपराधिक साजिश, भ्रष्टाचार और आपराधिक कदाचार के मामले दर्ज किए गए थे। अस्थाना ने इन आरोपों से इनकार किया था।
जानिए क्या था पूरा मामला :
मांस कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के मामले में 15 अक्टूबर 2018 को सीबीआई ने तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना व डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की अस्थाना और देवेंद्र की मांग को खारिज कर दिया था। साथ ही सीबीआई को जांच का आदेश दिया।
क्या थे राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार पर आरोप:
राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने हैदराबाद के व्यापारी सतीश बाबू सना को राहत देने के लिए रिश्वत ली थी। इस मामले पर दोनों के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। यहां तक कि डीएसपी देवेंद्र कुमार को इस मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। बाद में निचली अदालत से डीएसपी देवेंद्र कुमार को जमानत मिल गई थी।