
नई दिल्ली। जनवरी के पहले हफ्ते में देशभर में मानसून जैसा माहौल बन गया। उत्तर के पहाड़ी राज्यों में जबरदस्त बर्फबारी हुई तो दक्षिण के राज्यों में भारी बारिश। दक्षिण में जनवरी में बारिश के 100 साल तक के रिकॉर्ड टूट गए। दरअसल पश्चिमी विक्षोभ के साथ-साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में एक साथ कई चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने से यह स्थिति पैदा हुई। देश के सभी ऊंचे पहाड़ी इलाकों में 5 से 8 फीट तक मोटी बर्फ की चादर लिपटी है, हालांकि हिमालयी इलाके में अब मौसम साफ हो गया है। वहीं छत्तीसगढ़ के कई शहरों से ठंड गायब हो गई है। साथ ही मार्च जैसी गर्मी का एहसास होने लगा है।
बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां बंद होने के बाद अब बर्फीली हवाओं का असर समूचे उत्तर, पश्चिम, मध्य व पूर्वी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार तक दिखेगा, सभी राज्यों में तापमान में भारी गिरावट आएगी। 14 जनवरी को उत्तर व मध्य भारत में दिनभर सर्द हवाओं के साथ सबसे ठंडा दिन रह सकता है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में भारी बर्फबारी हुई और उत्तर के मैदानी राज्यों में बेमौसमी भारी बारिश दर्ज हुई।
दिल्ली में 2 से 7 जनवरी के बीच 57 मिमी बारिश दर्ज हुई। दिल्ली में सामान्य रूप से इतनी बारिश जनवरी, फरवरी व मार्च में मिलाकर होती है। चंडीगढ़ व लद्दाख को छोड़कर उत्तर-पश्चिम के सभी राज्यों में सामान्य से दो-तीन गुना अधिक बारिश दर्ज हुई। गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पश्चिमी मध्य प्रदेश के ज्यादातर जिलों में 11 जनवरी तक अच्छी बारिश दर्ज होगी।