
रायपुर। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह पता होना चाहिए कि केंद्रीय योजनाओं में मैचिंग ग्रांट राज्य सरकार हमेशा से देती आई है। इसे नहीं देने की वजह से प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री आवास नहीं बना पाई और अब 50- 50 प्रतिशत शेयर की बात कर रही है। प्रदेश सरकार राजनीतिक श्रेय लेना चाहती है तो उसे केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार का हिस्सा देना चाहिए।
डॉ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने छल करके 16 लाख आवास लौटा दिए, इस योजना के लिए राज्य सरकार का 40 फ़ीसदी मैचिंग ग्रांट दिया नहीं। सन 2011 के सर्वे हुए 7.56 लाख आवास के लिए प्रदेश सरकार ने स्वीकृति नहीं दी। मुख्यमंत्री बघेल को तो केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के सर्वे पर भी भरोसा नहीं है। डॉ. सिंह ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लगने में 5 महीने बचे हैं, चार माह प्रदेश सरकार आर्थिक-सामाजिक सर्वे कराएगी। इसका मतलब यह है कि प्रदेश सरकार गरीबों को यह बता रही है कि प्रधानमंत्री आवास की उम्मीद इस सरकार से नहीं रखी जाए। 4 साल में 16 लाख आवास के मुकाबले सिर्फ 67 हजार मकान बनाने वाली भूपेश बघेल सरकार अब अपने आखिरी समय में सर्वे की बात कर रही है! यह उन लाखों हितग्राहियों का मजाक उड़ाना है।