
इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार पत्रकार मारिया रेस्सा और दिमित्री मुरातोव को दिया जाएगा. नोर्वे की नोबेल कमेटी ने इसकी घोषणा की कर दी है. इन दोनों पत्रकारों को अभियव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के प्रयास करने के लिए ये पुरुस्कार दिया जाएगा. नोबेल प्राइज़ की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है. इन दोनों ने बोलने की आज़ादी की सुरक्षा करने की कोशिश की है जो लोकतंत्र और शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है.
मारिया रेस्सा फ़िलीपीन्स की जानी मानी पत्रकार हैं. इनका रेपलर नाम से एक वेबसाइट है. मारिया वहां की सरकार से बड़ी बेबाकी से मुश्किल सवाल पूछने के लिए खासतौर से जानी जाती है. इसकी वजह से मारिया को भी कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है.
मारिया ने अमरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई की है. हालांकि इनका जन्म फ़िलीपीन्स में ही हुआ था लेकिन वे बचपन में ही अमेरिका चली गई थीं.
वहीं दिमित्री मुरातोव भी पत्रकार हैं और वे नोवाजा गज़ेता नाम से एक स्वतंत्र अख़बार का प्रकाशन करते हैं. वे लंबे अर्से से रूस में बोलने की आज़ादी के मुद्दे पर मुखर रहे हैं.