Lok Sabha Speaker Election: देश के इतिहास में पहली बार होगा स्पीकर के लिए चुनाव, बिरला के खिलाफ कांग्रेस ने के. सुरेश को उतारा; राहुल बोले- डिप्टी स्पीकर पद मिलता तो समर्थन करते…

नई दिल्ली : सरकार और विपक्ष के बीच स्पीकर के नाम को लेकर सहमति नहीं बन पाई। इसके कारण NDA के बाद INDIA ने भी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार दिया है। विपक्ष ने के सुरेश (k suresh) को स्पीकर पद के लिए INDIA का उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीजेपी ने एक बार फिर इस पद के लिए ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है। एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला (Om Birla) ने अपने स्पीकर पद के लिए नामांकन कर दिया है। वहीं के सुरेश ने भी नामांकन भर दिया है। अब 26 जून को लोकसभा के स्पीकर का फैसला चुनाव के माध्यम से होगा। देश के इतिहास में पहली बार स्पीकर चुनाव के माध्यम से तय होगा।
बता दें कि इससे पहले खबर आई थी की NDA और INDIA ब्लॉक के बीच सहमति बन गई है। लोकसभा स्पीकर पर एनडीए का उम्मीदवार होगा। विपक्ष स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा। सूत्रों का कहना था कि स्पीकर के नाम पर विपक्षी दलों के साथ सहमति बनती है तो डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष दिया जा सकता है। राहुल गांधी ने खुद मीडिया में आकर स्पीकर के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने की बात कही थी।
डिप्टी स्पीकर ने बिगाड़ा खेल
सूत्रों से पता चला है कि डिप्टी स्पीकर के लिए NDA और INDIA अलांयस के बीच सहमति नहीं बन पाई। NDA डिप्टी स्पीकर का पद भी अपने पास रखना चाहती है। वहीं INDIA अलांयस इसे विपक्ष को देने की मांग कर रहे थे। जबकि BJP लोकसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखकर अपने घटक दल TDP या JDU को देना चाहती है। लिहाजा इस पर सहमति नहीं बन पाने के कारण इंडिया गठबंधन से अपना उम्मीदवार उतार दिया है।
लोकसभा में क्या है नंबरगेम?
लोकसभा के नंबरगेम की बात करें तो इस बार तस्वीर 2014 और 2019 के मुकाबले अलग है। एनडीए की अगुवाई कर रही बीजेपी 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन दो चुनाव बाद पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 272 के जादुई आकंड़े से पीछे रह गई। लोकसभा में एनडीए का संख्याबल 293 है. वहीं, विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन राहुल गांधी दो सीट से जीते थे इस लिहाज से सांसदों की संख्या 98 थी। राहुल ने वायनाड सीट छोड़ दी है. ऐसे में पार्टी की सीटें भी अब 98 हो गई हैं। कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक के 233 सांसद हैं. सात निर्दलीय समेत 16 अन्य भी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।
आज शपथ लेंगे 270 सांसद
लोकसभा सत्र के दूसरे दिन 270 सांसद शपथ लेंगे। पहले दिन सोमवार (24 जून) को 280 सांसदों ने शपथ ली। सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी और आखिरी में मध्य प्रदेश के ज्ञानेश्वर पाटिल ने शपथ ली। सोमवार को लोकसभा के पहले सत्र का आगाज काफी हंगामेदार रहा। सत्र शुरू होने से पहले और शुरू होने के बाद विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर हाथ में संविधान की कॉपी लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की।
विपक्ष को उपाध्यक्ष पद देने का कोई नियम नहीं
मोदी सरकार के लोगों का कहना है कि विपक्ष को उपाध्यक्ष पद देने का कोई नियम नहीं है. यह परंपरा है, जिसको तोड़ने की शुरुआत कांग्रेस ने की है। दूसरी लोकसभा में पंडित जवाहर लाल नेहरू सरकार के दौरान कांग्रेस के ही हुकुम सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई थी। गठबंधन सरकार के दौरान कई बार सरकार की अगुवाई करने वाले पार्टियों ने अध्यक्ष पद सहयोगी को देते हुए उपाध्यक्ष पद अपने पास रखा है।
अब तक सर्व सम्मति से चुने गए स्पीकर
आजादी के बाद पहली लोकसभा के स्पीकर चुने गए गणेश वसुदेव मावलंकर से लेकर 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष रहे ओम बिरला सर्व सम्मति से चुने गए है। लोकसभा में उन सांसदों को स्पीकर का पद भी दिया गया है जो पहले सत्तापक्ष से नहीं थे.12वीं लोकसभा की अध्यक्षता टीडीपी के बालयोगी ने की जबकि उस समय बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। बालयोगी 13वीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में भी चुना गया था। लेकिन इसी पद पर रहते हुए उनकी हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई, जिसके बाद शिवसेना सांसद मनोहर जोशी 13वीं लोकसभा के अध्यक्ष थे।
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