
रायपुर- छोटी-सी उम्र में राजपथ पर तिरंगे झंडे को सलामी देनें का मौका बहुत ही कम बच्चो को मिलता है और ये मौका छत्तीसगढ़ के 7 बच्चों को भी मिला. दरअसल, दिल्ली आरडीसी कैंप के लिए छत्तीसगढ़ के 7 बच्चों का चयन हुआ था. जहाँ राजपथ पर परेड की सलामी देने के बाद बच्चे वापस लौटे आये हैं और उन्होंने अपना अनुभव अन्य छात्रों के साथ शेयर किया है. जिससे बाकी के सभी छात्रों को भी उनसे प्रेरणा मिल सके. एनसीसी की कोशिश होगी कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के बाकी जिलों के बच्चों को भी आरडीसी के परेड में शामिल होने का मौका मिल सके.
वहीं, इस मामले में ब्रिगेडियर आशीष कुमार दास ने कहा कि एमपी और छत्तीसगढ़ से परेड के लिए स्टूडेंट का कोटा फिक्स रहता है. उस हिसाब से हमारी तैयारी होती है, शुरू में 20 बच्चों का कोटा था, उसमें से 9 लोग दिल्ली जा पाए और उनमें से 7 बच्चे आरडीसी परेड में शामिल हुए. हमारी कोशिश रहेगी कि रायपुर, दुर्ग जैसे बड़े शहरों के बच्चों को ही नहीं बल्कि जगदलपुर, रायगढ़, अंबिकापुर के बच्चों को भी मौका दिया जाए. जिसके लिए 17 यूनिट हमारे छत्तीसगढ़ में है, उन्हें 2023 के लिए टारगेट दिया जाएगा.
वहीं, एनसीसी कैडेट ध्येश कुमार ने कहा कि दिल्ली के राजपथ पर जाना हमारे लिए बहुत ही गर्व का पल था. आरडीसी कैंप में जाने से पहले हमें फौजी की तरह ट्रेनिंग दी गई थी, जो हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा.एनसीसी कैडेट दीक्षा राठौर ने बताया कि दिल्ली के राजपथ पर जाने का अनुभव अलग ही था. हमारे यहां जाने से परिजन काफी गौरवांन्वित हुए. यहां आकर हम अपना अनुभव साझा कर रहे है.एनसीसी कैडेट हर्ष खत्री ने कहा कि आरडीसी कैंप के बाद हमें सर्टिफिकेट दिया जाता है. जिससे काफी फायदे मिलते हैं, फौज में भर्ती होने के लिए अतिरिक्त मार्क्स भी मिलते हैं.