आज अग्नि-5 का टेस्ट कर सकता है भारत, एक साथ कई हथियार ले जाने में है सक्षम, जानिए मिसाइल टेस्ट को लेकर चीन ने क्या कहा

भारत 23 सितंबर यानि आज अग्नि-5 मिसाइल का टेस्ट कर सकता है। न्यूक्लियर हथियारों को ले जाने में सक्षम इस मिसाइल का ये 8वां टेस्ट होगा। 5000 किलोमीटर तक रेंज की इस मिसाइल की जद में चीन के कई शहर भी आ जाएंगे। दुनिया में इस वक़्त इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन,चीन और उत्तर कोरिया के पास हैं। भारत इस ताकत से लैस होने वाला दुनिया का 8वां देश होगा।
मिसाइल के टेस्ट की खबरों के बीच चीन भी शांति और सुरक्षा की बातें करने लगा है। भारत ने इसी साल जून में अग्नि प्राइम का भी टेस्ट किया था और अग्नि-6 पर भी काम कर रहा है।इस मिसाइल के सेना में शामिल होने के बाद भारत दुनिया के उन एलीट देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास न्यूक्लियर हथियारों से लैस इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है।
अग्नि-5 की खासियत…
अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। ये भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है। इस मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर है। अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा। अग्नि-5 के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल भी बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है।
मिसाइल के टेस्ट को लेकर चीन ने कहा कि अग्नि-5 के टेस्ट के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने कहा है कि दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में सभी का साझा हित है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष इस दिशा में रचनात्मक प्रयास करेंगे। लिजान ने कहा कि भारत न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास नहीं कर सकता है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 1172 में पहले ही स्पष्ट नियम हैं।