
दुर्ग। जिले में फर्जी डॉक्टर द्वार प्रशासनिक पहुंच का दावा कर दस लोगों से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। इस फर्जी डॉक्टर ने अपनी पहुंच का दावा करके 10 लोगों से रिसाली नगर निगम में नौकरी लगवाने के नाम पर साढ़े 10 लाख रुपए की ठगी की है। दो साल बीत जाने के बाद भी जब वह नौकरी नहीं लगवा पाया, तो लोगों ने इसकी शिकायत नेवई थाने में की। पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
मामले में 20 सितम्बर को सुपेला कृष्णा नगर निवासी पुरुषोत्तम मेश्राम ने नेवई पुलिस थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई। वह अपने सात अन्य साथियों के साथ थाने पहुंचा था। उसने पुलिस को बताया कि मरोदा बजरंगपारा निवासी करण चंद्राकर जो खुद को डॉक्टर बताता है, जबकि वह फर्जी डॉक्टर है। करण चंद्राकर शासन-प्रशासन में पहुंच होने की बात कहते हुए रिसाली नगर निगम में विभिन्न पदों पर नौकरी लगाने का दावा किया था। उसके झांसे में आकर खुद और अपने दोस्तों की नौकरी लगवाने की बात कही। उसने 10 लोगों से 10 लाख 50 हजार रुपए ले लिए।
जब वह नौकरी नहीं लगवा सका तो लोगों ने पैसे वापस करने की बात कही। इस पर वह पिछले दो सालों से टाल-मटोल करता आ रहा था। इसके बाद उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पता चला है कि आरोपी ने ठगी के रुपए से गांव में अपना पक्का मकान बनवा लिया है। पुलिस ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।