
सूरजपुर- मानो तो भगवान और न मानो तो पत्थर, ये वाक्य भारतीय संस्कृति के आस्था का है, सूरजपुर के सत्तीपारा गांव में इन दिनों लोगो की आस्था नदी से निकले एक पत्थर जिसे भगवान का रूप मान कर लोग पूजा अर्चना में जुटे हुए है…
सूरजपुर के अम्बिकापुर बनारस मार्ग स्थित सत्तीपारा गांव में महान नदी के रेत घाट का निविदा हुआ है.जहा एक सप्ताह पहले नदी में मार्ग बनाने के दौरान जेसीबी मशीन से खुदाई के दौरान एक विशाल पत्थर नदी से बाहर आया. जिसका स्वरूप लोगो को शिवलिंग की तरह लगा और देखते ही देखते गांव के शिव भक्तों का तांता लग गया. जहा ग्रामीणो ने जेसीबी वाहन की मदद से स्थानीय शिव मंदिर में इस शिवलिंग को लाकर पूजा अर्चना में जुट गए. जहा अब आगामी शिव रात्रि को इस शिवलिंग की स्थापना कर मंदिर बनाने की तैयारी में ग्रामीण जुटे हुए हैं..
सूरजपुर जिले में धार्मिक आस्था की कई मान्यताएं है, ऐसे में भगवान राम के वनवास के दौरान की इस इलाके में कई कहानियां है, जहा सूरजपुर जिले में भगवान राम के वनवास के दौरान शिव भगवान की आराधना की कहानियों के कारण जिले में भगवान शिव के मंदिर जगह जगह मिल जाएंगे. जहा अब नदी से निकले इस दो क्विंटल से भारी पत्थर को भी ग्रामीण शिवलिंग मानकर पुराने मान्यताओं को जिंदा कर दिए है.ऐसे में इलाके के दूर दराज गांव के ग्रामीण भी आस्था और श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना के लिए सत्तीपारा गांव पहुच रहे है.
बहरहाल, ग्रामीणों की श्रद्धा और आस्था के प्रतीक के रूप में प्रकट हुए पत्थर ने भगवान का स्वरूप ले लिया है. ऐसे में आगामी 1 मार्च को आने वाले शिवरात्रि में शिवलिंग स्थापना और मंदिर बनाने के लिए ग्रामीणों द्वारा दिया जा रहा सहयोग राशि ग्रामीणो के श्रद्धा आस्था के साथ एकता की भी मिसाल बन रही है..