वक्फ संशोधन बिल पर देश बटा दो गुटों में एक कर रहा समर्थन,दूसरा कर रहा विरोध

रायपुर :- वक्फ (संशोधन) विधेयक बिल 2024 पर आज विस्तार से लोकसभा में चर्चा हुई है। जिसमें विभिन्न नेताओं ने अपनी बाते इस बिल को लेकर अपनी अपनी बात सदन में रखी वक्फ संशोधन विधेयक बिल 2024 को केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बिल को पेश किया है। अगर बात करे वक्फ बोर्ड बिल की तो, इसे भी जाना बेहद ही अहम हो जाता है कि आखिर अब तक इसमें इतनी बार संशोधन हुए हैं और कब कब हुआ है। बता दें वक्फ अधिनियम में अब तक 2 बार संशोधन किया जा चुका है। पहली बार सन 1995 को संशोधन किया गया था है। जिसके बाद 2013 में यूपीए की सरकार के समय दूसरी बार संशोधन हुआ था।
अगर बात करे वक्फ बोर्ट के इतिहास की तो 1947 में आज़ादी के बाद हुए बंटवारे में पूरे देश में मुस्लिम वर्ग द्वारा छोड़ी गई जमीन को संभाल कर रखने के लिए एक बोर्ड बनाने पर जोर दिया गया। इसी के तरह साल 1954 में संसद ने वक्फ एक्ट 1954 पास किया गया। जिसके बाद 1954 में वक्फ बोर्ड अस्तित्व में आया बता दे वक्फ बोर्ड ट्रस्ट के रूप में कार्य करता है जिसमें आजादी के वक्त मुस्लिम वर्ग द्वारा छोड़ी गई सारी वक्फ संपत्तियां आ गईं.जिसके बाद सन 1955 में यह कानून लागू होने के एक साल बाद, इस कानून में संशोधन कर राज्यों के लेवल पर वक़्फ बोर्ड बनाने का प्रावधान किया गया.जिसमें हर राज्य में वक़्फ बोर्ड का कार्यालय खोले जाने पर सहमति बनी
परंतु समय के साथ उसके कठोर नियम और कानूनो की वजह से वक़्फ बोर्ड चर्चाओं का विषय बना रहा परंतु दो बार संशोधन होने के बाद अब तीसरी बार इसमें संशोधन किए जाने की आवश्यकता सरकार को लगी जिसके बाद आज वक़्फ संशोधन अधिनियम 2024 को सदन में पेश किया गया इसके बाद पूरे देश में इसे लेकर दो घूट देखे जा रहे हैं। एक जो इस बिल का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं दूसरा घुट जो इसका विरोध कर रहा है
वही छत्तीसगढ़ में भी तमाम विरोध ओर बयान बाजियां के बाद आज संशोधन बिल का स्वागत प्रदेश के मुस्लिम वर्ग द्वारा किया गया। जिसमें मुस्लिम वर्ग के लोगों ने राजधानी रायपुर के घड़ी चौक में एक जुड़ हुई साथ ही इस संशोधन बिल का स्वागत भी गया गया
वही वक़्फ संशोधन विधेयक बिल 2024 को लेकर कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार वक्त बोर्ड को खत्म नहीं कर रही है। यह बहुत पुराना नियम था वर्तमान में नए नियम कानूनों की आवश्यकता थी। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है।विपक्ष हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है।और देश में सदैव भ्रम पैदा करने की बात और भ्रमित करने का काम करती आई है
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने बिल पर कहा कि वफ़्त संशोधन बिल को जिनके लिए लाया जा रहा है।वह इस बिल से सहमत है क्या? सरकार की उनसे चर्चा हुई क्या? क्या इस संशोधन से उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो नहीं है? अगर देख तो पूरे देश में जगह-जगह इस बिल के खिलाफ मुस्लिम समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है ऐसे में बिल में संशोधन करना ठीक नहीं है अगर इतना विरोध हो रहा हो तो।
अगर बात करें इस विधेयक के आने के बाद होने वाले परिवर्तनों की तो जमीन पर दावा करने वाले ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट सिविल कोर्ट या हाई कोर्ट में अपील कर सकेंगे साथ ही अब वक्फ क्रिमिनल के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जा सकेगी,अंतिम में इस बिल में जब तक किसी ने वक्फ को जमीन दान में ना दी हो उस पर भले ही मस्जिद ही क्यू न बनी हो वह जमीन वक्फ की नहीं कहलाएगी साथ ही इस बिल में वक्फ में दो महिलाओं व दो अन्य धर्म के लोगों के एंट्री पर भी स्वीकृति दी जाएगी वहीं अब देखना खास होगा के नए संशोधन बिल के बाद कितना परिवर्तन वक्फ बोर्ड की कार्यशैली में आता है। और जो एक लंबे समय से वक्फ बोर्ड को लेकर चल रही चर्चाएं अब कब तक समाप्त होती है।यह देखने वाली बात होगी वहीं सरकार द्वारा किए जा रहे दावे कितने धरातल पर सफल होते हैं यह अब समय बताएगा