
दिल्लीः बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी केन्द्र सरकार पर जमकर बरसे। चर्चा करते हुए उन्होंने बजट के हलवा सेरेमनी की फोटो दिखाई। राहुल ने कहा, ‘इस फोटो में कोई पिछड़ा, दलित या आदिवासी अफसर नहीं दिख रहा है। ये बात सुनकर निर्मला हंस पड़ी और तभी राहुल ने कहा कि देश का हलवा बंट रहा है और वित्त मंत्री हंस रही हैं। इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना माथा पकड़ लिया।
राहुल ने आगे कहा कि 20 अफसरों ने हलवा बनाया और अपने 20 लोगों में बांट दिया। बजट कौन बना रहे हैं, वही दो या तीन प्रतिशत लोग। हम जातिगत जनगणना लाकर इस विषमता को खत्म करेंगे।
सरकार पर खूब बरसे राहुल गांधी
संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार (29 जुलाई) को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सदन में महाभारत की कथा का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने देश की जनता को चक्रव्यूह में फंसाया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि जो हजारों साल पहले अभिमन्यु के साथ किया गया वो आज देश की जनता के साथ किया जा रहा है।
देश की जनता को चक्रव्यूह में फंसाया
उन्होंने कहा, “हजारों साल पहले हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को छह लोगों ने चक्रव्यूह में मारा था। इसके अंदर डर होता है, हिंसा होती है और अभिमन्यु को फंसाकर छह लोगों ने मारा। मैंने जब इसके बारे में रिसर्च की तो पता चला कि उसका एक और नाम होता है पद्म व्यूह। ये लोटस के शक्ल में होता है।”
‘छह लोगों ने अभिमन्यु को मारा, आज 6 लोग देश की जनता को मारना चाहते’
राहुल गांधी ने आगे कहा, “21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है, वो भी लोटस की चिह्न में है और उसका चिह्न पीएम अपनी छाती में लगाकर चलते हैं। जो अभिमन्यु के साथ हुआ, वही किसानों के साथ, माता बहनों के साथ हुआ। द्रोणाचार्य, कर्ण, कृपाचार्य, कृतवर्मा, अश्वत्थमा और शकुनी ने घेरकर मारा था। आज भी चक्रव्यूह में छह लोग हैं. सेंटर में छह लोग कंट्रोल करते हैं। नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अंबानी और अदाणी।”
‘दो लोग देश की अर्थव्यवस्था संभाल रहे’
कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, “इस सरकार ने पूरे देश को चक्रव्यूह में फंसाकर रखा है। दो लोग देश की अर्थव्यवस्था संभाल रहे हैं. इसने पहला काम क्या किया. देश के छोटे बिजनेस को तबाह कर दिया। नोटबंदी, जीएसटी और टैक्स टेररिज्म का शिकार बनाया। छोटे उद्योग खत्म होने से युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा. किसानों ने इससे निकलने के लिए आपसे एक चीज मांगी। एमएसपी पर लीगल गारंटी चाहिए, आप उनसे बात करने के लिए तैयार नहीं हैं।”