स्कूली बसों के जांच शिविर का हुआ आयोजन, यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग ने की जांच, अबतक 300 से ज्यादा बसों का हुआ परीक्षण

रायपुर। प्रदेश भर में अब सभी शासकीय और निजी स्कूल खुल गए हैं, स्कूलों की शुरुआत के साथ सभी निजी स्कूलों के बसों का भी संचालन शुरू हो गया है। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 2 साल तक सभी स्कूले बंद थे, ऐसे में स्कूल बसों का संचालन भी नहीं हो पा रहा था। जिसके चलते बसों में कई सारी खामियां आनी भी स्वाभाविक है। यही कारण है कि पिछले सप्ताह से स्कूल बसों के जांच शिविर लगाये जा रहे हैं।
स्कूल बसों के इस शिविर में सभी बसों की फिटनेस टेस्ट की जा रही है, साथ ही ड्राइवर और कंडक्टर का भी मेडिकल जांच किया जा रहा है। जांच के दौरान बहुत से स्कूल बसों में खामियां पाई गई हैं, वही ड्राइवर कंडक्टर विभिन्न बीमारियों से ग्रसित मिले हैं। खामी पाए जाने वाले बसों और स्कूलों पर यातायात पुलिस फिलहाल चालानी कार्रवाई कर सुधार करने की हिदायत ही दे रही है।
रायपुर में कुल 101 प्राइवेट स्कूल संचालित है, जिनमें 891 बसों का संचालन होता है, लेकिन अब तक 2 चरणों के शिविर में केवल 20 से 25 स्कूल के बस ही फिटनेस जांच के लिए पहुंचे हैं। आज दूसरे चरण के शिविर के दौरान कुल 104 बसों की जांच की गई, और इससे पहले 146 बसों की जांच की गई थी। 891 बसों में से केवल ढाई सौ बसें ही फिटनेस टेस्ट के लिए पंहुची है और बाकी सभी बसें अब भी बेतरतीब रूप से बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रही हैं। निजी स्कूलों के इस लापरवाही और यातायात विभाग द्वारा लगाये जा रहे हैं।
इस शिविर में चार चरणों में जांच की जा रही है। पहले चरण में दस्तावेजों की जांच हो रही है।फिर दुसरे चरण में मैकेनिकल चीज़ों की जांच चल रही है। तीसरे चरण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नियमों का पालन हो रहा है की नहीं, इसकी जांच की जा रही है। वहीँ चौथे चरण में चालक और परिचालक का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। फाइन और समझाइश भी दी जा रही है, साथ ही चालकों को वाहन ठीक करवाने का समय भी दिया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, कई ड्राईवरों ने यह भी बताया है कि कई बार प्रशासन व स्कूल प्रबंधन द्वारा की गई लापरवाही पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीँ आज इस शिविर का दूसरा चरण है और आने वाले दिनों में जल्द ही अन्य स्कूल के बसों की चेकिंग की जाएगी। इसी के साथ जिस भी स्कूल ने अपनी बसों को इस शिविर में जांच के लिए नहीं भेजा है उसपर परिवहन विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उनकी लापरवाही पर यातायात विभाग से उन्हें निरस्त हो सकती है।