
रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों झीरम कांड रिपोर्ट का मामला गरमाया हुआ है. इस मामले को लेकर राजनितिक पार्टी पक्ष- विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लगातार झीरम मामले को लेकर बयान दे रहे है. आज सीएम बघेल ने फिर से इस मामले में बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि आयोग का कार्यकाल पूरा हो चुका था लेकिन रिपोर्ट अब भी अधूरी है। निश्चित तौर पर उस पर विचार करके निर्णय लिया जाएगा। बहुत जल्दी इस मामले पर फैसला हो जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दुर्ग जिले के दौरे पर गए है. इस दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर मीडिया से बातचीत की.
झीरम मामले में होगी नए सिरे से हो सकती है जांच!….
झीरम घाटी मामले में राज्य सरकार अब नए सिरे से जांच आयोग का गठन किए जाने की कवायद में जुट गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक सवाल के जवाब में इस बात के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट आधी अधूरी है. आयोग ने रिपोर्ट सौंपे जाने के पहले कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर पत्र लिखा था. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि नए आयोग के गठन को लेकर विचार किया जा रहा है, इसपर जल्द फैसला लिया जाएगा.
सीएम बघेल ने आयोग द्वारा जांच रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौंपे जाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जानी चाहिए थी. इससे पहले उन्होंने कहा था कि जांच रिपोर्ट गोपनीय दस्तावेज है, इसे कोई बाहर कैसे खोल सकता है. उन्होंने यह भी कहा था कि राज्यपाल आखिर इस रिपोर्ट का क्या करेंगी. इसे आखिरकार सरकार को ही सौंपा जाना है.
गृहविभाग की बैठक पर सीएम बघेल बोले
मंगलवार को हुई गृहविभाग की बैठक को लेकर सीएम भूपेश बाघेक ने कहा कि चिटफंड कंपनियों के पैसा वापस करने वाला हमारा पहला प्रदेश है लगातार मॉनिटरिंग करने के बाद भी उस में तेजी नहीं आ पाई है. आदिवासियों के जो प्रकरण है उसको वापस करना है मॉनिटरिंग कर रहे हैं लेकिन उसमें भी तेजी की और आवश्यकता है. पिछली बार हुक्का बारों बंद करने के लिए जो निर्देश दिए गए थे। आईजी एसपी कॉन्फ्रेंस में निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी अधिकारी शाम को ऑफिस में नहीं बैठेगा सभी फील्ड पर नजर आएंगे। बेहतर पुलिसिंग के लिए मैंने टिप्स दिए हैं और कसावट लाने की बात कही है।
सीएम भूपेश बघेल राफेल मामले पर बोले
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राफेल मुद्दे को लेकर कहा कि इस मुद्दे को लगातार राहुल गांधी उठाते रहे हैं, उन्होंने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया था यह अंतरराष्ट्रीय मामला बन चुका है लेकिन क्या कारण है कि भारत सरकार चुप्पी साधी है. जो ना खाऊंगा ना खाने दूंगा का नारा लगाते थे मेहनत का पैसा दलाली में जा रहा है खरीदी में गड़बड़ी देखी जा रही है. प्रधानमंत्री जी को इसका जवाब देना चाहिए … गड़बड़ी नहीं है तो जेबीसी गठन करने में क्यों हिचक रहे हैं?