
बीजापुर। छत्तीसगढ़ में नक्सली अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। बीजापुर जिले में माओवादियों ने क्रेडा विभाग के एक तकनीशियन की हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि मृतक जिले के एक पत्रकार का भाई था। उसे 4-5 दिन पहले नक्सलियों ने अगवा कर लिया था। जिसके बाद खूनी जनअदालत लगाकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
दरअसल, दिवाली की रात छत्तीसगढ़-तेलंगाना राज्य की सीमा पर स्थित एक गांव में सार्वजनिक दरबार लगा दिया गया। इसके बाद उन्हें पुलिस का मुखबिर होने के संदेह में मौत की सजा सुनाई गई थी। यह मामला जिले के उसूर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार मृतक बसंत झड़ी कोट्टापल्ली क्षेत्र के क्रेडा विभाग में टेक्नीशियन का काम करता था, जिसे नक्सलियों ने गत शुक्रवार की रात ही गांव से छीन लिया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माओवादियों के अगवा करने के बाद वे उसे जंगल में इधर-उधर ले गया। फिर कोट्टापल्ली को गांव के जंगल में ले जाया गया। यहां माओवादियों ने जन अदालत का आयोजन किया। इस सार्वजनिक अदालत में क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण भी मौजूद थे। फिर बसंत पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए उसे जन अदालत के कटघरे में खड़ा किया गया। बताया जा रहा है कि माओवादियों ने पहले सैकड़ों ग्रामीणों के बीच बसंत की पिटाई की। फिर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए धारदार हथियार से उसका गला काट दिया। माओवादियों ने दीवाली की रात को घटना को अंजाम दिया, जिसके बाद शव को गांव में फेंक दिया।