नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए चार हफ्ते तक राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी गिरफ्तार पर रोक लगाई है. इसके साथ राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है. इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी कर पूरी व्यवस्था को आईना दिखाया है.
जानकारी के अनुसार, याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि आप हर मामले में सुरक्षा नहीं ले सकते. आपने पैसा वसूलना शुरू कर दिया क्योंकि आप सरकार के करीब हैं. यही होता है अगर आप सरकार के करीब हैं और इन चीजों को करते हैं तो आपको एक दिन वापस भुगतान होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी के साथ दर्ज तीसरे एफआईआर पर भी जीपी सिंह को गिरफ्तारी पर अंतरिम संरक्षण दिया. मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर 1 अक्टूबर को सुनवाई तय की.
निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 124-ए के तहत राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज किए गए हैं. जीपी सिंह ने अलग-अलग याचिकाओं में राजद्रोह के मामले को रद्द करने के साथ दूसरी में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
बता दें कि 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह राज्य पुलिस अकादमी में निदेशक पदस्थ थे. इस दौरान एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम ने उनके निवास पर छापा मारा था. छापे में जीपी सिंह और उनके संबंधियों से लगभग 10 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था. एसीबी की कार्रवाई के बाद आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था.