अम्बिकापुर/रोमी सिद्दीकी। भारतीय संस्कृति में दान शब्द का महत्वपूर्ण स्थान है देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग संस्कृतियों के हिसाब से दान दिया जाता है. इसमें मुख्य रूप से अन्नदान, रुपएदान, गोदान, जमीन दान वही शादी विवाह में कन्यादान की भी एक प्रचलन प्रसिद्ध है लेकिन छत्तीसगढ़ शायद देश का पहला ऐसा राज्य है. जहां मवेशियों के चारा (भोजन) लिए पैरादान यहां के किसान कर रहे हैं। लेकिन यह कोई संस्कृति रीति रिवाज नहीं बल्कि जिला प्रशासन के द्वारा किसानों को जिले के गोठानों में मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था के लिए किसानों से पैरादान करवाया जा रहा है। पैरादान से अब तक 260 गोठानों में 15772 क्विंटल पैरा संग्रहण किया जा चुका है।
भारत में छत्तीसगढ़ पहला राज्य है. जहां की सरकार आम आदमी से लेकर मवेशियों तक की देखभाल में प्रयासरत है यही कारण है कि सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा के अथक प्रयास से सरगुजा में पैरादान की अनूठी योजना शुरू की गई है ताकि मवेशियों को भी समय से चारा व्यवस्था की जा सके जिला प्रशासन पैरा संग्रहण के लिए काफी गंभीर है। लेकिन इसके विपरीत सरगुजा के किसान भी पैरा दान करने में काफी रुचि दिखा रहे हैं यही कारण है कि किसान धान निकालने के पश्चात पैरा को अपने वाहनों के माध्यम से जिले के गोठानो में पहुंचा रहे हैं।
जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार अम्बिकापुर जनपद पंचायत के 46 गोठान में 2827 कि्ंवटल, लखनपुर जनपद के 39 गोठान में 2441 कि्ंवटल, उदयपुर जनपद के 42 गोठान में 2380 कि्ंवटल, लुण्ड्रा जनपद के 55 गोठान में 3222 कि्ंवटल, बतौली जनपद के 34 गोठान में 1722 कि्ंवटल, सीतापुर जनपद के 26 गोठान में 1985 कि्ंवटल तथा मैनपाट जनपद के 18 गोठान में 1160 कि्ंवटल की पैरादान किसानों के द्वारा किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गोठानों में चारे की व्यवस्था के लिए कलेक्टर संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार जनपद सीईओ एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा किसानों को पैरादान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे किसान बढ़-चढ़कर पैरादान कर रहें हैं।