जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- किसी भी धर्म को स्वीकार करने का अधिकार है लेकिन ज़बरदस्ती, प्रलोभन या धोखे से नहीं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर जबरन धर्मांतरण पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि चैरिटी और समाज सेवा अच्छी बात है लेकिन इसके पीछे कोई गलत उद्देश्य नही होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता के अनुसार किसी भी धर्म को स्वीकार करने का अधिकार है। लेकिन ज़बरदस्ती, प्रलोभन या धोखे से नहीं। हर चैरिटी, अच्छे काम का स्वागत है, लेकिन दान का उद्देश्य धर्मांतरण नहीं हो सकता।
जस्टिस शाह ने कहा कि हम यहां चीजों को ठीक करने के लिए हैं। हम देख रहे हैं कि इरादा क्या है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से उठाए गए कदमों पर विस्तृत हलफनामा भी मांगा है। अब इस मामले पर अगले सोमवार को सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उठाए गए कदमों पर विस्तृत हलफनामा मांगा है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोग विभिन्न कारणों से, दवाओं आदि के लिए धर्मांतरण करते हैं। यह एक बहुत ही खतरनाक तरीका है। पंजाब सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है और राज्य सरकार ने सख्त कानून बनाने की बात कही है। गुजरात सरकार का हलफनामा महत्वपूर्ण है। उन्होंने 2003 में कानून बनाया था।उस पर रोक लगी हुई है।