नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें यूजीसी ने कहा था कि फाइनल ईयर की परीक्षाओं के बिना डिग्री जारी नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य भी यह परीक्षा करवाएं, ताकि छात्र आगे बढ़ सकें। जिन राज्यों में कोरोना का प्रकोप अधिक है, वे यूजीसी से बात करके परीक्षाओं की आगे की तारीख तय कर सकते हैं।
बता दें, यूजीसी ने 6 जुलाई को सर्कुलर जारी कर कहा था कि डिग्री हासिल करने के लिए छात्रों अंतिम वर्ष की परीक्षा देना जरूरी है। इसके बाद कोरोना काल में भी अंतिम वर्ष के पाठ्यक्रम की परीक्षाएं आयोजित करवाई जा रही हैं। इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बैंच ने यह फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला नीट और जेईई की परीक्षाओं पर भी असर डालेगा। सरकार नीट और जेईई की परीक्षाएं आयोजित करवाना चाहती है, जबकि विपक्ष विरोध कर रहा है।
बहरहाल, राज्य सरकारें यूजीसी के फैसले का विरोध कर रही थीं। उनका कहना था कि कोरोना काल में वे परीक्षाएं आयोजित करने की स्थिति में नहीं हैं। मामले की पिछली सुनवाई 18 अगस्त को हुई थी। यूजीसी के फैसले का विरोध करने वालों में पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब और तमिलनाडु भी शामिल थे।