चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र, बिहार और यूपी सरकार से 7 दिन में मांगा जवाब
नई दिल्ली
बिहार में चमकी बुखार (अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) से बच्चों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जताई। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से बच्चों की मौत पर जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुखार की रोकथाम के लिए किए उपाय और संबंधित कार्यक्रमों के बारे में राज्य सरकार को 7 दिन के अंदर हलफनामा दायर कर जवाब देने का भी निर्देश दिया। मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिका में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इन्सेफलाइटिस से मौतों पर बिहार, केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को 7 दिनों की समय सीमा में अपना जवाब हलफनामा दायर कर दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने राज्यों और केंद्र सरकार को अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए दी जा रही मेडिकल सुविधाएं, अस्पतालों की व्यवस्था, पोषण और साफ-सफाई पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चमकी बुखार से होनेवाली मौत को रोकने में सरकारी तंत्र पूरी तरह से विफल रहा है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से तत्काल मेडिकल बोर्ड गठन करने की भी मांग की। हालांकि, कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को 7 दिन की समय सीमा में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
SC ने कहा, ‘जारी नहीं रहने दे सकते यह सिलसिला’
सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों की मौत को गंभीर मामला मानते हुए सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, ‘बच्चों की मौत का यह सिलसिला यूं ही जारी नहीं रहने दिया जा सकता। सरकारों को इस बारे में हमें जवाब देना ही होगा। बीमारी की रोकथाम के लिए क्या प्रयास हुए और कौन से सुरक्षा कदम उठाए गए हैं यह हलफनामा दायर कर हमें केंद्र, बिहार और राज्य सरकार बताए।’ सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार बुखार की रोकथाम के लिए दवाइयों की उपलब्धता पर भी अपना जवाब दाखिल करे.
चमकी बुखार से अब तक 130 बच्चों की मौत
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में अब तक चमकी बुखार से 130 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। ज्यादातर बच्चे बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। हच्चों की मौत के कारण बिहार में नीतीश सरकार पर विपक्षी दल निशाना साध रहे हैं। बिहार सरकार का कहना है कि इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं।