नई दिल्ली- दिल्ली के विज्ञान भवन में 67वे राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया. जहाँ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। पुरस्कार समारोह में सुपरस्टार रजनीकांत को 51वे दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जहां पर मौजूद लोगों ने सुपरस्टार रजनीकांत के सम्मान में खड़े होकर तालिया बजाई.
बता दें कि इस पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद अभिनेता रजनीकांत ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि मुझे इस पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए भारत सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं.. मैं इस पुरस्कार को अपने गुरु के. बालचंद्रर और अपने भाई सत्यनारायण राव को और अपने ट्रांसपोर्ट ड्राइवर दोस्त राजबहादुर को समर्पित करता हूं..
रजनीकांत ने अपने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी। दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे।रजनीकांत बीते पांच दशक से सिनेमा पर राज कर रहे हैं।
मुझे इस पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए मैं भारत सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। मैं ये पुरस्कार अपने गुरू के. बालचंदर, अपने भाई सत्यनारायण राव और अपने ट्रांसपोर्ट ड्राइवर दोस्त राजबहादुर को समर्पित करता हूं: दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद रजनीकांत pic.twitter.com/WFQ7CYSXBk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 25, 2021
अभिनेता रजनीकांत अभी भी सिनेमा में एक्टिव हैं। रजनीकांत की असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था। रजनीकांत पांच साल के थे तभी उनकी मां का निधन हो गया। मां के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर आ गई। रजनीकांत ने घर चलाने के लिए कुली तक का काम किया। चित्रपट पर कदम रखने से पहले बस कंडक्टर की नौकरी की। उनकी पहली फिल्म अपूर्वा रागंगल में उनके साथ कमल हासन और श्रीविद्या भी थे।