राजधानी रायपुर में एक शर्मसार कर देने वाला मामला आया है. जहां पर कैदी को भगाने का आरोप पुलिस पर लगाया गया है. जी हां अब तक आपने सुना होगा कि पुलिस आरोपियों और कैदियों को गिरफ्तार करती है. लेकिन यहां उल्टा पुलिस ने हीं एक कैदी को भगाने में मदद की है.
दरअसल मर्डर और लूट के विचाराधीन बंदी को भगाने के मामले में आरक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. बता दे की पेशी के दौरान कैदी अनुपम झा फरार हो गया था. इस मामले में आरक्षक राघवेंद्र पटेल को एसपी ने सस्पेंड कर दिया था. जहां पर विभागीय जांच के दौरान आरक्षक दोषी पाया गया.जहां पर आरक्षण के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. बता दें कि विचाराधीन बंदी अनुपम कुमार झा और पिता अवधेश झा उम्र 30 वर्ष वैशाली नगर बिहार और वर्तमान पता धनेली मुझगहन रायपुर निवासी का टिकरापारा थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है।
कैदी के खिलाफ 263/2016 धारा 302,34 भा द वि 25,27 आर्म्स एक्ट अपराध क्रमांक 06/2020 धारा 302, 34, 27 आर्म्स एक्ट थाना डीडी नगर में अपराध क्रमांक 33/2019 धरा 307, 394, 397 भा द वि 25,27 आर्म्स एक्ट एवं अपराध क्रमांक 314/18 धारा 392,34 भादवी मामला दर्ज किया गया. वहीं पुलिस कैदी की तलाश में जुटी हुई है.
(आरक्षक)
आपको बता दे कि कैदी कि 21 अक्टूबर को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर में पेशी थी. पेशी में रक्षित केंद्र रायपुर का आरक्षक 2477 रविंद्र प्रसाद पटेल की ड्यूटी लगाई गई थी. जहां पर अनुपम कुमार झा पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया. इस मामले को देखते हुए ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में आरक्षक 2477रावेन्द्र प्रसाद पटेल को निलंबित कर प्राथमिक जांच की गई.
(फरार आरोपी)
जहां पर जांच में पाया गया कि आरक्षक कैदी के परिजनों से लगातार संपर्क में था और आरक्षक में विचाराधीन बंदी अनुपम कुमार झा को फरार होने में सहयोग किया. अपराधिक कार्यवाही करते हुए थाना सिविल लाइन में अपराध क्रमांक 580/21 धारा 225 भा द वि मामला दर्ज करते हुए विवेचना शुरू की गई है.