बूढ़े माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर 105 KM की यात्रा पर निकले बेटे-बहु, लोग कह रहे कलयुग का श्रवण कुमार

मुंगेर। बिहार का एक शख्स और उसकी पत्नी इन दिनों चर्चा में हैं। सावन मेला में ये दंपति अपने माता-पिता को लेकर ठीक उसी तरह तीर्थ (बाबाधाम की यात्रा) पर निकला है जैसे श्रवण कुमार निकले थे। बिहार के जहानाबाद के रहने वाले चंदन कुमार और उनकी पत्नी रानी देवी माता-पिता को देवघर ले जाने के लिए पैदल निकले, लेकिन माता-पिता को इन्होंने बहंगी में बिठाकर अपने कंधे के बल इस यात्रा को शुरू किया।
सुल्तानगंज से जल भरकर दोनों ने देवघर के लिए प्रस्थान किया। चंदन कुमार ने बताया कि हम प्रत्येक महीने सत्यनारायण व्रत का पूजन करते हैं और उसी के दौरान मन में इच्छा जाहिर हुई माता और पिताजी को बाबाधाम की पैदल तीर्थ कराने की लेकिन माता और पिताजी वृद्ध हैं तो ऐसे में 105 किलोमीटर की लंबी यात्रा पैदल तय करना संभव नहीं था। मैंने अपनी पत्नी रानी देवी को बताया तो उन्होंने भी साथ दिया। जिसके बाद हम दोनों ने इसके लिए माता-पिता की भी अनुमति ली।
चंदन ने बताया कि इसके बाद मैंने निर्णय लिया कि माता-पिता को हम बहंगी में बिठाकर अपने कंधे के बल इस यात्रा को सफल करेंगे। इसी दौरान मैंने एक मजबूत कांवड़नुमा बहंगी तैयार करवायी और रविवार को सुल्तानगंज से जल भरकर उस बहंगी में आगे पिताजी और पीछे माताजी को बिठाकर यात्रा शुरू की है। बहंगी के आगे हिस्से को इस वृद्ध दंपति के पुत्र ने अपने कंधे पर लिया है जबकि उनकी पत्नी रानी देवी पीछे से सहारा दे रही हैं। उन्होंने बताया कि लंबी यात्रा है समय लगेगा लेकिन हम इस यात्रा को जरूर सफल करेंगे।