जेठानी ने देवरानी को जिंदा जलाया, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, जुर्माना भी लगाया
उत्तर प्रदेश। बांदा में देवरानी की हत्या के आरोप में जेठानी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मकान निर्माण को लेकर हुए विवाद में जेठानी ने देवरानी पर मिट्टी तेल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया था। जिससे देवरानी की मौत हो गई थी।
दरअसल, शहर कोतवाली इलाके के फूटा कुआं की रहने वाली चित्रा देवी का जेठानी गीता देवी उर्फ नीता से मकान निर्माण को लेकर 5 जनवरी 2017 को वाद विवाद हो रहा था। घर में दोनों अकेली थीं। कहासुनी इस कदर बढ़ गई कि जेठानी गीता ने गुस्से में आकर चित्रा को तेल डालकर आग लगा दी। इससे चित्रा बुरी तरह झुलस गई। परिजन अस्पताल लेकर गए, लेकिन वहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।
मृतका चित्रा देवी के पिता की शिकायत पर पुलिस ने जेठानी और उसके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू की। विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन के बाद पुलिस ने आरोपी गीता उर्फ नीता के खिलाफ चार्जशीट और आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। घटना क्रम में पति के साक्ष्य न मिलने पर पुलिस विवेचना में बाहर कर दिया।
अभियोजन ने 11 गवाह पेश किए, 5 जज बदले गए। अंत में तमाम साक्ष्यों के अवलोकन करते हुए जिला जज की कोर्ट ने आरोपी जेठानी को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
कोर्ट के जिला शासकीय अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह परिहार ने बताया, शहर कोतवाली में चित्रा देवी को उसकी जेठानी ने आग लगाकर जलाकर मार डाला था। पिता की तहरीर पर धारा 302 का मामला दर्ज किया गया था। 2017 में मुकदमा हुआ था। इस मामले में फैसला सुनाया है। हमने 11 गवाह पेश किए। इस सुनवाई के दौरान 5 जज बदल गए, जिला जज कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा और 50 हजार जुर्माना लगाया है। आरोपी गीता उर्फ नीता को जेल भेज दिया गया।