नई दिल्ली। देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा है कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो सामुदायिक संक्रमण का संकेत है। इनका कहना है कि श्पहचान, जांच, आइसोलेट और उपचारश् की रणनीति अब बहुत ज्यादा फायदेमंद नहीं रह गए हैं, क्योंकि संक्रमण कई क्षेत्रों में फैल चुका है।
विशेषज्ञों का कहना है कि देश के विभिन्न हिस्सों से मिलने वाली सीरो सर्वे की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि जांच, आइसोलेट और उपचार की मौजूदा रणनीति से सिर्फ पांच फीसद संक्रमितों की ही पहचान हो पा रही है, इसलिए जांच की रणनीति बदलने की जरूरत है।
इन विशेषज्ञों में एम्स और आइसीएमआर टास्क फोर्स के चिकित्सक भी शामिल हैं। विशेषज्ञों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि लगभग सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में बड़ी संख्या में बिना लक्षण वाले मामलों से मरीजों के प्रारंभिक अवस्था में पहचान का काम मुश्किल हो रहा है। जांच की मौजूदा रणनीति में बिना लक्षण वाले व्यक्ति की जांच की अनुमति नहीं है, जब तक कि वो किसी संक्रमित के संपर्क में न आया हो।
विशेषज्ञों ने कहा है कि सीरो सर्वे से पता चलता है कि देश के बड़े भूभाग में कोरोना संक्रमण फैल चुका है। छोटे शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों में संक्रमित मामले मिल रहे हैं। यह बताता है कि देश में सामुदायिक संक्रमण हो गया है।