
आर्टिकल 15, आयुष्मान खुराना की ये फिल्म भारतीय संविधान के उस प्रावधान को मूल में रखती है जिसमें लिखा गया है कि किसी भी नागरिक के साथ जाति, नस्ल या लिंग से जुड़ा भेदभाव नहीं किया जाएगा. ये फिल्म एक निर्णायक फैसले पर खत्म होती है और कोई बहुत बड़ा उपदेश नहीं देती बस हमारी छोटी गलतियों को ठीक कर आगे निकलने की राह दिखाती है.
आईपीएस ऑफिसर अयान रंजन (आयुष्मान खुराना) को उत्तर प्रदेश के लालगांव में पोस्टिंग मिली है. फिल्म के पहले ही दृश्य में गांव के गरीब लोग एक गीत गाते दिखते हैं. वहीं एयरकंडीशन गाड़ी में बैठे आयुष्मान खुराना विषैली हवाओं की बात कर रहे हैं. ये दो दुनिया के लोग हैं जो जल्द ही एक दूसरे से टकराने वाले हैं.
बीच-बीच में अनुभव सिन्हा ऐसे सीन दिखाते हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि जल्दी ही एक टकराव आने वाला है और बेहतरीन तरीके से सस्पेंस को तैयार किया जाता है.