
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए (फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) लाइसेंस रद्द कर दिया है। गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के तहत राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का लाइसेंस रद्द किया है। राजीव गांधी फाउंडेशन पर विदेशी फंडिंग में गड़बड़ी का आरोप लगा है।
आरजीएफ एक गैर-सरकारी संस्था है जो गांधी परिवार से जुड़ी हुई है। 21 जून 1991 को स्थापित राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इसमें अन्य ट्रस्टी डॉ मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पी चिदंबरम, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे और अशोक गांगुली हैं।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबकि जुलाई 2020 में एक कमेटी का गठन किया गया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर फाउंडेशन के लाइसेंस को रद्द करने का फैसला हुआ है। बीजेपी इस फाउंडेशन पर लगातार विदेशी चंदे को लेकर आरोप लगाती रही है। राजीव गांधी फाउंडेशन पर चीन से फंड लेने का आरोप लगा और यह कहा गया कि इसमें नियमों की अनदेखी हुई है।