पश्चिम बंगाल। नदिया जिले में किशोरी से दुष्कर्म और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विवादित बयान देने के बाद घिर गई हैं। उनपर अपराधियों को बढ़ावा देने और अपना वोट बैंक बढ़ाने का आरोप लगाया जा रहा है।
टीएमसी नेता से जुडे़ इस मामले पर ममता बनर्जी ने कहा था, आपको कैसे पता कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ, क्या वह गर्भवती थी या लव अफेयर का मामला था या फिर वह बीमार थी। अगर कोई कपल रिलेशनशिप में है तो हम उन्हें कैसे रोक सकते हैं, यह यूपी नहीं है जहां लव जिहाद के नाम पर हम कुछ भी कर दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल आयोग को इस मामले की जांच सौंपी जानी है। यह निजी आजादी का मामला है। अगर कोई भी गड़बड़ी हुई है तो फिर दोषियों को पुलिस गिरफ्तार करेगी। एक संदिग्ध को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
मामले में निर्भया की मां ने कहा कि अगर ममता बनर्जी इतनी असंवेदनशील हैं तो फिर उन्हें सीएम के पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर वह एक पीड़िता के बारे में इस तरह का बयान देती हैं तो वह सीएम पद के योग्य नहीं हैं। निर्भया की मां ने कहा कि इस घटना की सही ढंग से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। इस तरह के बयान ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने का काम करते हैं। इससे पीड़ित प्रभावित होते हैं और अपराधियों को बढ़ावा मिलता है। ऐसे नेताओं को सिर्फ अपने वोटबैंक की ही चिंता रहती है।
वहीं ममता के बयान पर तंज कसते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि अगर अधिकार वाले लोग ही निर्णयात्मक रुख दिखाने लगे तो जांच प्रभावित हो सकती है। इस तरह के दृष्टिकोण निष्पक्ष जांच में बाधा डाल सकते हैं क्योंकि पुलिस को इस तरह की लाइन पर चलने के लिए मजबूर किया जाता है।