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School Report : संभावना है कि देश भर में 15 दिसंबर के बाद खुल सकते हैं केंद्रीय विद्यालय, शुरुआत में आएंगे इन कक्षाओं के छात्र

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बीते दिनों देश के सभी स्कूलों को खोले जाने के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा मानकों का भी एलान किया है। इसमें छात्रों के लिए पूरे समय मास्क पहनना और दो गज की दूरी को अनिवार्य किया गया है। साथ ही लंच और पानी की बोलत के साथ सैनिटाइजर को भी अनिवार्य रूप से लाना होगा। अभिभावकों की अनुमति का प्रमाण पत्र साथ लाने वाले छात्रों को ही थर्मल स्क्रीनिंग के बाद स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि अभी भी ज्यादातर राज्य स्कूलों को खोलने को लेकर उहापोह में हैं। वहीं केंद्र ने साफ किया है कि स्कूलों को खोलने के लिए राज्यों की अनुमति जरूरी होगी।

कोरोना महामारी के कारण छात्रों के लिए कक्षाएं इस साल बाधित हुईं। हालांकि ताजा रिपोर्टों से पता चलता है कि कक्षा 10 और 12 के छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए 15 दिसंबर के बाद स्कूल बुलाया जा सकता है। रिपोर्टें यह भी बताती हैं कि केंद्रीय विद्यालय स्कूल इन प्रैक्टिकल परीक्षाओं को शुरू करने की योजना के साथ तैयार हैं। अब वे वे छात्रों को छोटे समूहों में बुलाने जा रहे हैं और उस समय केवल प्रैक्टिकल परीक्षा का काम किया जाएगा। यह बताया गया है कि केंद्रीय विद्यालय स्कूलों को इस संबंध में क्षेत्रीय स्तर पर एक योजना तैयार करने के लिए कहा गया है। दूसरी ओर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने देश भर के छात्रों के साथ बातचीत की, जहाँ उन्होंने देश भर के स्कूलों को फिर से खोलने की बात की। उन्होंने कहा कि भले ही 12 राज्यों के स्कूलों को हाल ही में फिर से खोला गया है, लेकिन छात्रों की उपस्थिति बहुत कम है। गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने स्कूलों को इससे पहले 21 सितंबर में भी खोलने की योजना बनाई थी। लेकिन अभिभावकों की सहमति न मिल पाने से इसे टाल दिया था। देश भर में करीब 1,250 केंद्रीय विद्यालय और 650 नवोदय विद्यालय हैं, जिनमें करीब 15 लाख छात्र पढ़ते हैं। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने अपने लाइव वेबिनार के दौरान आगामी बोर्ड परीक्षाओं और सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाओं के बारे में कई छात्रों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि कक्षा 10 और 12 सीबीएसई परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम 2021 पहले ही 30 से कम हो गया है। कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रतिशत और पाठ्यक्रम में और कमी नहीं की जाएगी। उन्होंने सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाएं स्कूल स्तर पर आयोजित की जाती हैं। यदि छात्र प्रैक्टिकल सत्र लेने में सक्षम नहीं होते हैं, तो सरकार इस पर विचार करेगी”। हालांकि, देश भर के छात्र सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इस वर्ष महामारी के कारण कोई पढ़ाई का काम नहीं हो पाया है।

कोरोना महामारी के कारण छात्रों के लिए कक्षाएं इस साल बाधित हुईं। हालांकि ताजा रिपोर्टों से पता चलता है कि कक्षा 10 और 12 के छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए 15 दिसंबर के बाद स्कूल बुलाया जा सकता है। रिपोर्टें यह भी बताती हैं कि केंद्रीय विद्यालय स्कूल इन प्रैक्टिकल परीक्षाओं को शुरू करने की योजना के साथ तैयार हैं। अब वे वे छात्रों को छोटे समूहों में बुलाने जा रहे हैं और उस समय केवल प्रैक्टिकल परीक्षा का काम किया जाएगा। यह बताया गया है कि केंद्रीय विद्यालय स्कूलों को इस संबंध में क्षेत्रीय स्तर पर एक योजना तैयार करने के लिए कहा गया है। दूसरी ओर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने देश भर के छात्रों के साथ बातचीत की, जहाँ उन्होंने देश भर के स्कूलों को फिर से खोलने की बात की। उन्होंने कहा कि भले ही 12 राज्यों के स्कूलों को हाल ही में फिर से खोला गया है, लेकिन छात्रों की उपस्थिति बहुत कम है। गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने स्कूलों को इससे पहले 21 सितंबर में भी खोलने की योजना बनाई थी। लेकिन अभिभावकों की सहमति न मिल पाने से इसे टाल दिया था। देश भर में करीब 1,250 केंद्रीय विद्यालय और 650 नवोदय विद्यालय हैं, जिनमें करीब 15 लाख छात्र पढ़ते हैं। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने अपने लाइव वेबिनार के दौरान आगामी बोर्ड परीक्षाओं और सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाओं के बारे में कई छात्रों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि कक्षा 10 और 12 सीबीएसई परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम 2021 पहले ही 30 से कम हो गया है। कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रतिशत और पाठ्यक्रम में और कमी नहीं की जाएगी। उन्होंने सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षाएं स्कूल स्तर पर आयोजित की जाती हैं। यदि छात्र प्रैक्टिकल सत्र लेने में सक्षम नहीं होते हैं, तो सरकार इस पर विचार करेगी”। हालांकि, देश भर के छात्र सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इस वर्ष महामारी के कारण कोई पढ़ाई का काम नहीं हो पाया है।

शहर भर में बढ़ते कोरोनावायरस मामलों के मद्देनजर पुणे नगर निगम ने शनिवार को अपने अधिकार क्षेत्र में स्कूलों को फिर से खोलने के अपने आदेश को स्थगित कर दिया। नए आदेश के अनुसार अब सभी शैक्षणिक संस्थान 3 जनवरी, 2021 तक बंद रहेंगे। इस साल नवंबर में पुणे में अधिकारियों ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें पुणे जिले के स्कूलों को 23 नवंबर से फिर से खोलने की अनुमति दी गई थी। अपने पहले के आदेश में अधिकारियों ने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा जारी सभी COVID-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) का सख्ती से पालन करके कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल ‘ऑफ़लाइन’ कक्षाएं फिर से शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा हॉस्टल और आवासीय स्कूल समान मानकों के लिए, विशेष रूप से विदेशी छात्रों के लिए, दी गई तारीख से फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, कई माता-पिता ने पुणे में स्कूलों के फिर से खोलने पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि “हमेशा संक्रमित होने का खतरा होता है”। पुणे नगर निगम के अनुसार शहर में रिकवरी रेट 94.45 प्रतिशत है, जबकि 1.83 लाख लोगों (2.61 प्रतिशत की घातक दर) ने अब तक संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है। वर्तमान में पुणे में 1.73 लाख सक्रिय कोरोनावायरस मामले हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बीते दिनों देश के सभी स्कूलों को खोले जाने के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा मानकों का भी एलान किया है। इसमें छात्रों के लिए पूरे समय मास्क पहनना और दो गज की दूरी को अनिवार्य किया गया है। साथ ही लंच और पानी की बोलत के साथ सैनिटाइजर को भी अनिवार्य रूप से लाना होगा। अभिभावकों की अनुमति का प्रमाण पत्र साथ लाने वाले छात्रों को ही थर्मल स्क्रीनिंग के बाद स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि अभी भी ज्यादातर राज्य स्कूलों को खोलने को लेकर उहापोह में हैं। वहीं केंद्र ने साफ किया है कि स्कूलों को खोलने के लिए राज्यों की अनुमति जरूरी होगी।

सुरक्षा प्रोटोकॉल-

– स्कूल में छात्रों को पूरे समय मास्क पहनना होगा

– कक्षा में दो गज की दूरी बनाए रखनी होगी

– लंच और पानी की बोतल के साथ सैनिटाइजर लाना जरूरी

– अभिभावकों की मंजूरी का प्रमाण पत्र भी साथ में रखना होगा

– स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी

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