उच्च न्यायालय के स्थगन के बावजूद जमीन की बिक्री, जमीन पर SDM कोर्ट ने दिया पुनःस्थगन
अम्बिकापुर। माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन के बावजूद जमीन बेचने के मामले में अब SDM कोर्ट ने पुनः उसी भुमि पर स्थगन का आदेशों दे दिया है, इस बारे में जो जानकारियां मिली हैं. वह यह है कि श्रीमती सुशीला साहु पति कृष्ण गोपाल साहु निवासी बैकुंठपुर ने द्वारा कुछ दिनों पूर्व कलेक्टर,एस डी एम,व उप पंजीयक कार्यालय में यह लिखित शिकायत दर्ज किया था की उनकी पुरखौती भुमि में से खसरा नंबर 171/1रक्बा 0.79000है. व166/1रक्बा1.06400 है. जो की श्रीगढ अम्बिकापुर रायगढ़ मुख्य मार्ग में स्थित है जिसका वादा माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर (छ.ग.) में विचाराधीन है।
माननीय उच्च न्यायालय ने 17/08/2015 को इस भूमि पर स्थगन आदेश दे दिया है। इसके बावजूद 6अक्टुबर 2021को रामप्यारी साहु,पारस साहु व उमेश साहु निवासी सदर रोड के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को दर किनार कर सतिश अग्रवाल से खसरा न.171/1को पंजिकृत विक्रय कर दिया गया है। वही पीड़ित पक्ष का कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन का आदेश को उप पंजीयक अंबिकापुर के कार्यालय में 2015 में ही दे दिया गया था वही पटवारी व तहसीलदार को हाल फिलहाल में भी इसकी सूचना दी गई थी इसके बावजूद पंजीयन व संशोधन का कार्य हो गया है। दो सप्ताह से ज्यादा समय बिताने के बाद भी राजस्व विभाग के द्वारा ना तो माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश पर गौर किया गया ना तो कोई कार्यवाही की गई।
पुनः जमीन की बिक्री ना हो इसलिए SDM कोर्ट की शरण में
वर्तमान समय में भू माफियाओं का राजस्व विभाग में जिस तरीके से दखल है व राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को देखते हुए आवेदिका श्रीमती सुशीला साहु ने अपने वकिल के माध्यम से 31/12/2021 को एसडीएम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की साथ ही उन्होंने ने यह भी आशंका जताते हुए कहा कि जिन लोगों ने माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन के आदेश के बाद भी नियम विरुद्ध ज़मीन बिक्री किया है वे भी किसी अन्य को जमीन बिक्री कर सके। 3जनवरी को एसडीएम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उक्त भूमि पर स्थगन का आदेश दे दिया है।
माननीय उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर
पीड़िता श्रीमती सुशीला साहु ने बताया कि उनके अधिवक्ता के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में भी न्यायालय के आदेश का अवमानना व नियम विरुद्ध ज़मीन बिक्री करने की याचिका दाखिल किया गया है साथ ही इस मामले में सामिल सभी लोगों के विरूद्ध आपराधिक मामले दर्ज करने की मांग की गई है।
सिविल कोर्ट के डिग्री के बाद जमीन की गई बिक्री
इस संबंध में सिविल कोर्ट के वरिष्ठ वकील एस के पाण्डेय ने बताया कि पीड़िता के पक्ष में 14जुलाई 2021को आदेश व डिग्री हुआ है। न्यायालय के आदेश का परिपालन हेतु न्यायालय के आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि नायब तहसीलदार अम्बिकापुर के न्यायालय में पेश किया गया था इसके बाद यह मामला अपरकलेक्टर न्यायालय में भी चला ऐसे में यह कहना कि उच्च न्यायालय के स्थगन की जानकारी अधिकारियों को नहीं है असत्य है क्योंकि की सिविल कोर्ट के आदेश में उक्त भूमि का उल्लेख किया गया है।